हरियाणा के विकास में संयुक्त राष्ट्र विकास समूह द्वारा दी जाएगी तकनीकी सहायता

चंडीगढ़, 6 जुलाई (जनसमा)। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रशासनिक सचिवों को निर्देश दिए हैं कि वे अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा चिह्नित 169 प्रमुख संकेतकों तथा 17 सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) का प्रदेश में निचले स्तर तक प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने की दिशा में कार्य करें। मुख्यमंत्री मंगलवार को यहां सैक्टर-3 स्थित हरियाणा निवास में ‘सतत् विकास लक्ष्य- हरियाणा में सतत् विकास लक्ष्यों का क्रियान्वयन : 2030 कार्य योजना’ पर आयोजित कार्यशाला का शुभारंभ करने उपरांत उच्च अधिकारियों को सम्बोधित कर रहे थे।

मनोहर लाल ने अपने सम्बोधन में कहा कि राज्य के सतत विकास का लक्ष्य हासिल करने के लिए संयुक्त राष्ट्र विकास समूह द्वारा तकनीकी सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी, जोकि एक सराहनीय कदम है। उन्होंने कहा कि विश्व का हर देश अपने तरीके से सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल करेगा। उन्होंने कहा कि एसडीजी का उद्देश्य सार्वभौमिक रूप से व्यवहार्य लक्ष्य स्थापित करना है जोकि स्कीमों की उचित योजना तथा समेकन के माध्यम से सतत् विकास के तीनों आयामों-पर्यावरणीय, सामाजिक तथा आर्थिक आयामों को संतुलित करेगा।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपनी विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की निचले स्तर के लाभार्थियों तक पहुंच सुनिश्चित करने के उद्देश्य से ‘अन्त्योदय’ की भावना से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि सभी विभागों में सूचना प्रौद्योगिकी के अधिक से अधिक उपयोग पर बल दिया गया है। सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग में पहले हरियाणा देश में 23वें स्थान पर था लेकिन आज आधार कार्ड पंजीकरण में पहले स्थान पर पहुंच गया है। राज्य सरकार के कार्यालयों में आधार सक्षम बायोमीट्रिक उपस्थिति प्रणाली लागू की गई है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की योजनाओं का फीडबैक देने के लिए 25 सदस्यों की गुड गवर्नेंस एसोएट्स की टीम तैयार की गई है जो 18 जुलाई से फील्ड में जाकर काम करेगी। इसके अलावा, हर विधानसभा क्षेत्र में 11-11 सदस्यों की निगरानी कमेटियां गठित की गई हैं। पूरे प्रदेश के लोगों का नागरिक डाटाबेस तैयार किया जा रहा है, जो संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रमों के लिए आकड़े उपलब्ध करवाने में भी काफी मददगार साबित होगा।

सतत विकास लक्ष्यों के लिए भारत में संयुक्त राष्ट्र विकास समूह पर गठित टीम के संयोजक यूरी आफनासिव ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने सितम्बर, 2015 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर 169 प्रमुख संकेतकों के साथ 17 सतत विकास लक्ष्य निर्धारित किए हैं । इन कार्यक्रमों के सफल क्रियान्वयन में भारत की भागीदारी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में 93 देशों ने एक साथ इसका समर्थन किया था। विकासशील देशों के 77 समूहों द्वारा इसके क्रियान्वयन में सहयोग दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत के दस अन्य राज्यों में सतत विकास लक्ष्यों के संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम क्रियान्वित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा में सतत विकास के पहले चरण के चार महीनों के कार्यक्रम का ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि जिन 17 एसडीजी पर काम किया जाएगा उनमें गरीबी व भुखमरी को खत्म करना, बेहतर स्वास्थ्य तथा बेहतर जीवन, गुणवत्तापरक शिक्षा, लैंगिक समानता, स्वच्छ पानी तथा स्वच्छता, सस्ती तथा स्वच्छ ऊर्जा, शिष्ट कार्य तथा आर्थिक वृद्धि, उद्योग, नवाचार तथा अवसंरचना, असमानतओं को कम करना, स्थायी शहर तथा समुदाय, उत्तरदायी खपत तथा उत्पादन, पर्यावरण के लिए कार्य करना, पानी के नीचे तथा धरती पर जीवन, शांति, न्याय तथा मजबूत संस्थान और भागीदारी शामिल हैं।