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शुक्रवार को भारत 30 उपग्रह अंतरिक्ष में भेजेगा

नई दिल्ली, 21 जून (जनसमा)। भारत के कार्टोसैट-2 सीरीज़ उपग्रह को अंतरिक्ष में लेजाने वाले पीएसएलवी सीओएमए रॉकेट लॉन्च करने के लिए 28 घंटे की उलटी गिनती गुरूवार सुबह 5 बजकर 29 मिनट पर शुरू होगई। यह प्रक्षेपण वाहन पीएसएलवी की 40 वीं उड़ान है जिसमें 30 उपग्रहों को पृथ्वी से 505 किलोमीटर दूर सूर्य-समकालिक कक्षा में स्थापित किया जाएगा।

यह रॉकेट शुक्रवार को श्रीहरिकोटा से सुबह 09:29 बजे छोड़ा जाएगा। लॉन्च वाहन में 14 14 देशों के 30 नैनो उपग्रह भी हैं। भारत का एक मात्र घरेलू नैनो उपग्रह कन्याकुमारी जिले के एक शैक्षणिक संस्थान का है।

फाइल फोटो इसरो के सौजन्य से

कार्टोसैट -2 सीरीज़ एक रिमोट सेंसिंग उपग्रह है, जो पांच साल तक काम कर सकेगा। इन उपग्रहों से प्राप्त डेटा शहरी और ग्रामीण इलाकों के लिए योजनाएं बनाने, समुद्र तटीय भूमि के उपयोग के बारे में नियम बनाने, सड़क नेटवर्क की निगरानी और भूमि और भौगोलिक सूचनाओं के लिए उपयोगी होगा।

इसरो की अगली बड़ी योजना सौर प्रभामंडल (कोरोनाग्राफ के साथ – एक टेलीस्कोप), फोटोस्फेयर, वर्णमण्डल (सूर्य की तीन प्रमुख बाहरी परतें) और सौर वायु का अध्ययन करने के लिए सूर्य में वैज्ञानिक मिशन भेजना है। श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी-एक्सएल द्वारा इसे 2020 में छोड़ा जाना है। आदित्य-एल1 उपग्रह कक्षा से सूर्य का अध्ययन करेगा जो पृथ्वी से करीब 1.5 मिलियन किलोमीटर दूर है।

आदित्य-एल1 मिशन इस बात की जांच करेगा कि क्यों सौर चमक और सौर वायु पृथ्वी पर संचार नेटवर्क और इलेक्ट्रॉनिक्स में बाधा पहुंचाती है। इसरो की उपग्रह से प्राप्त उन आंकड़ों का इस्तेमाल करने की योजना है ताकि वह गर्म हवा और चमक से होने वाले नुकसान से अपने उपग्रहों का बेहतर तरीके से बचाव कर सके।