Ayodhya Dispute Case_ Supreme Court

उच्‍चतम न्‍यायालय ने राम जन्‍म भूमि मामले पर सुनवाई पूरी की

उच्चतम न्यायालय Supreme Court ने बुधवार 6 मार्च, 2019 को राम जन्मभूमि – बाबरी मस्जिद भूमि विवाद को मध्यस्थता के माध्यम से निपटाया जा सकता है या नहीं इस पर अपना आदेश सुरक्षित रखा है।

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कहा कि न्‍यायालय Supreme Court मामले की गंभीरता को समझता है। वह यह भी समझता है कि इस मामले में मध्‍यस्‍थता का देश की राजनीति पर क्‍या प्रभाव पड़ेगा।

उच्चतम न्यायालय Supreme Court ने यह भी कहा कि मामला सिर्फ संपत्ति के बारे में नहीं था, बल्कि भावना और विश्वास के बारे में भी था।

शीर्ष अदालत ने चुनाव लड़ने वाली पार्टियों से मध्यस्थता के माध्यम से दशकों पुराने विवाद को सुलझाने की सौहार्दपूर्ण संभावना तलाशने के लिए  भी पूछा है।

2010 के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत में चौदह अपील दायर की गई हैं।

चार सिविल सूट में कहा गया है कि अयोध्या में 2.77 एकड़ भूमि को तीन दलों के बीच समान रूप से विभाजित किया जाएगा — सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला।