कृषि बाजारों में ई-संपर्क के लिए जल्द ही एक नया सॉफ्टवेयर

मेढ़क (तेलंगाना), 7 जनवरी (जनसमा)। देश के कृषि बाजारों में ई.संपर्क के लिए सरकार जल्द ही एक नया सॉफ्टवेयर जारी करेगी। इस नए सॉफ्टवेयर के आने से कृषि बाजारों की संपर्क बाधाएं दूर हो जाएंगी और किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य प्राप्त होने में मदद मिलेगी।

यह जानकारी आज आज तेलंगाना के मेदक जिले में मूलूगू गांव में श्री कौन्डा लक्ष्मण तेलंगाना स्टेट हॉर्टिकल्चर यूनिवर्सिटी के शिलान्यास समारोह में बोलते हुए कृषिमंत्री राधामोहन सिंह ने दी।

उन्होंने कहा कि कर्नाटक ने 50 कृषि बाजारों को एक मंच पर लाने में सफलता प्राप्त की है जिससे किसानों को बहुत लाभ हो रहा है। तेलंगाना सहित 12 राज्यों ने इस संबंध में प्रस्ताव भेजे हैं और केन्द्र प्रत्येक कृषि बाजार के लिए 30 लाख रूपए मंजूर करेगा।

सिंह ने राज्य सरकार की सराहना की कि उसने बागवानी विश्वविद्यालय का नाम श्री कौन्डा लक्ष्मण के नाम पर रखा हैए जिन्हें तेलंगाना गांधी के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय की स्थापना माननीय वित्त मंत्री की बजट घोषणा के अनुरूप की गई है। इसके साथ हरियाणा में एक अन्य बागवानी विश्वविद्यालय तथा आंध्र प्रदेश में एक.एक कृषि विश्वविद्यालय खोले जाएंगे।

वित्त वर्ष 2014-15 में इस बागवानी विश्वविद्यालय के लिए 100 करोड़ रूपए की धनराशि जारी की गई है। वर्ष 2015-16 वित्त वर्ष के दौरान 75 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं जिनमें से पहली किस्त के रूप में 37,5 करोड़ रुपए जारी कर दिए गए हैं। मंत्री महोदय ने कहा कि इस विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद कृषि शिक्षा को बहुत प्रोत्साहन मिलेगा।

सिंह ने कहा कि देश में कृषि के विकास के लिए उच्च कृषि शिक्षा और अनुसंधान संस्थाएं महत्वपूर्ण काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि चीन के अलावा भारत ही विश्व में ऐसा देश है जहां सबसे अधिक संख्या में कृषि वैज्ञानिक और अनुसंधानकर्ता काम करते हैं। कृषि शिक्षा एवं अऩुसंधान संबंधी क्षेत्र में 30 हजार से अधिक वैज्ञानिक और एक लाख से अधिक सहयोगी स्टॉफ काम कर रहा है।

इस अवसर पर श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री ;स्वतंत्र प्रभारद्ध बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि तेलंगाना राज्य की मिट्टी इस किस्म की है कि इस क्षेत्र को ‘सीड बाउल’ के रूप में विकसित किया जा सकता है।

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने कृषि मंत्री से आग्रह किया कि केन्द्र तेलंगाना की सहायता करे ताकि वह विश्व का ‘सीड बाउल’ बन सके।