Tiger

पन्ना टाइगर रिजर्व से बाघिन को संजय दुबरी रिजर्व भेजा

वन्य जीवों के भी तबादले होते हैं। पन्ना टाइगर रिजर्व से एक बाघिन को संजय दुबरी टाइगर रिजर्व भेज दिया गया। ऐसा इसलिए किया गया कि पन्ना रिजर्व में बाघों की संख्या बढ़ जाने से खाने पीने की कमी होगई थी।

पन्ना टाइगर रिजर्व से निकलकर आसपास के खेतों में घुसकर मवेशियों का शिकार करने वाली बाघिन पी-213-33 संजय दुबरी टाइगर रिजर्व में सामान्य व्यवहार करने लगी है।

संजय टाइगर रिजर्व का क्षेत्र पन्ना  टाइगर रिजर्व से लगभग 4 गुना बड़ा और यहाँ बाघों की संख्या अभी कम है। वन विभाग को आशा है कि बाघिन यहां कुनबे को बढ़ाने में सक्षम होगी।

टाइगर फाइल फोटो

बाघिन को वन विभाग ने 25 मार्च को पन्ना पार्क प्रबंधन टीम के साथ बेहोश करके संजय दुबरी टाइगर रिजर्व भेजा था। पन्ना में 30 से अधिक बाघों के हो जाने के कारण क्षेत्र छोटा पड़ रहा था। इससे आपसी संघर्ष और भटकाव की स्थिति बन जाती है।

संजय दुबरी टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक विन्सेट रहीम ने बताया कि बाघिन की उम्र 26 माह है, वह पूर्णत: स्वस्थ है और आहिस्ता-आहिस्ता नये माहौल में ढल रही है। बाघिन को कंजरा स्थित 10 हेक्टेयर के टाइगर बाड़े में छोड़ा गया है। बाड़े में तीन चीतल भी हैं। बाघिन ने कल पाड़े का शिकार भी किया। बाघिन की निरंतर देखभाल और निगरानी विशेष रूप से अनुभवी कर्मचारियों और सुरक्षा कर्मियों द्वारा की जा रही है। कुछ दिनों बाद इसे जंगल में छोड़ दिया जाएगा।

संजय दुबरी टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक ने बताया कि 1600 किलोमीटर के दायरे में फैले टाइगर रिजर्व के में 50 गाँव हैं। कोर एरिया के 8 गाँवों का विस्थापन पूर्ण हो चुका है। 13 गांव के लोगों को विस्थापन राशि दी जा चुकी है और करीब 8 गांव के विस्थापन की कार्यवाही चल रही है। खाली हो चुके गांवों में घास उगाई जा रही जिससे शाकाहारी प्राणियों में वृद्धि होगी। प्रदेश के जिन क्षेत्रों में बाघों की संख्या काफी बढ़ गई है उन्हें यहां शिफ्ट किया जायेगा। शाकाहारी प्राणी संख्या में वृद्धि से उन्हें भरपूर आहार मिलेगा।