छत्तीसगढ़ में लगभग 21 सौ करोड़ की लागत से बनेंगे नए विद्युत उपकेन्द्र

रायपुर, 07 जून (जनसमा)। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने बस्तर और सरगुजा संभाग सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों में प्रस्तावित 34 विद्युत उपकेन्द्रों के निर्माण का कार्य अगले 18 माह में पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। मंगलवार को यहां अपने निवास कार्यालय में ऊर्जा विभाग के काम-काज की समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि इन विद्युत उपकेन्द्रों का निर्माण लगभग 21 सौ करोड़ रूपए की लागत से किया जाना है।

डॉ. रमन सिंह ने कहा कि प्रदेशव्यापी लोकसुराज अभियान के दौरान ग्रामीणों द्वारा बिजली की मांग सबसे ज्यादा की गई थी। इसे देखते हुए प्राथमिकता के आधार पर इन विद्युत उपकेन्द्रों के निर्माण का कार्य निर्धारित समय सीमा में किया जाना चाहिए, जिससे दूरदराज के ग्रामीण अंचलों में गुणवत्तापूर्ण बिजली की आपूर्ति  सुनिश्चित की जा सके।

बैठक में अधिकारियों ने जानकारी दी कि 400/220 के.व्ही. के दो विद्युत उपकेन्द्रों का निर्माण जगदलपुर और धमतरी में, 220/132 के.व्ही. के आठ विद्युत उपकेन्द्रों का निर्माण रजिम, बोरझरा (गरियाबंद), परसदा, कवर्धा, धरसींवा, नारायणपुर, जगदलपुर और बिलासपुर में किया जायेगा। इसी तरह 132/33 के.व्ही. के 24 विद्युत उपकेन्द्रों का निर्माण कोनी, रावणभांटा, बतौली, कोण्डातराई, सुकमा, चारामा, लोरमी, डबरा, भखारा, वंदनापुलिंग, शिवरीनारायण, वाड्रफनगर, कांसाबेल, बीजापुर, पखांजूर, नगरी, इंदागांव, मोहला, राजपुर, दोरनापाल, तखतपुर, बसना, बेरला और रेंकी (कोरबा) में किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने बैठक में अविद्युतीकृत बसाहटों और गांवों के विद्युतीकरण के कार्य की प्रगति की समीक्षा भी की। बैठक में जानकारी दी गई की दीनदयाल उपाघ्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत लगभग 1250 करोड़ रूपए की लागत से 2685 अविद्युतीकृत बसाहटों और सौर ऊर्जा से विद्युतीकृत किये जाने वाले गांवों को छोड़कर सभी अविद्युतीकृत गांवों में विद्युतीकरण का कार्य किया जा रहा है।

बैठक में बताया गया की मार्च 2015 तक प्रदेश में 1080 गांव अविद्युतीकृत थे, जिनमें से वर्ष 2015-16 में 402 गांवों का विद्युतीकरण किया गया। वर्ष 2016-17 में 678 गांवों के विद्युतीकरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इनमें से अब तक 80 गांवों में विद्युतीकरण का काम पूरा हो गया है।