ई-गवर्नेंस के मामले में हरियाणा ने दो वर्षों में कायम की विशिष्ट पहचान

चंडीगढ़, 25 नवम्बर (जस)। हरियाणा ने पिछले दो वर्षों के दौरान ई-गवर्नेंस के मामले में अपनी विशिष्ट पहचान कायम की है। जिससे सुशासन के लिए डिजिटल कार्यों के लिए हरियाणा की तीन ई-शासन परियोजनाओं को अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कार भी मिले है। यह बात हरियाणा के मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ० राकेश गुप्ता ने गुरूवार को नई दिल्ली में डिजिटल इण्डिया थीम पर चल रहे भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला-2016 के दौरान हरियाणा पवेलियन का अवलोकन करने के उपरांत कही।

फाइल फोटो : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर।

मेले के मुख्य थीम डिजिटल इण्डिया की तर्ज पर हरियाणा पवेलियन को भी डिजिटल हरियाणा की सोच पर तैयार किया गया है। डॉ० गुप्ता ने हरियाणा पवेलियन में इनोवेटिव आइडिया से जुड़ी प्रदर्शनी व डिजिटल सेवाओं से जुड़ी विभिन्न स्टॉल का अवलोकन किया। उन्होंने बताया कि दो वर्ष पहले हरियाणा की डिजिटल सेवाओं के मामले में कोई पहचान नहीं थी लेकिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में वर्तमान सरकार ने सुशासन को बढ़ावा देने के लिए ई-गवर्नेंस की दिशा में अनेक नई पहल की। जिसके चलते हाल में प्रतिष्ठित पुरस्कार ‘सीएसआई-निहिलेंट ई-शासन पुरस्कार-2016 के लिए हरियाणा को चुना गया है।

डॉ० राकेश गुप्ता ने बताया कि इन पुरस्कारों में ई-जिला हरियाणा (सीएससी के माध्यम से नागरिक सेवाओं की डिलीवरी) में उत्कृष्ट पुरस्कार, ई-ग्रास (सरकारी प्राप्ति लेखा प्रणाली), ई-स्टैम्पिंग और डीबीटी के माध्यम से सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में प्रशंसा पुरस्कार शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि हरियाणा राज्य में ई-शासन और आईटी सम्बंधित कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में ठोस प्रयास कर रहा है। राज्य सरकार ने हाल ही में नई दिल्ली में इंडिया टुडे द्वारा आयोजित ‘स्टेट ऑफ द स्टेटस कनक्लेव-2016’ में ई-शासन के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके अलावा, राज्य ने प्रदेश में छ: ई-शासन और आईटी पहलों के क्रियान्वयन में ‘स्कोच आर्डर-ऑफ-मेरिट’ राष्ट्रीय पुरस्कार जीता है।