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‘जाने भी दो यारों’ की टीम ने दी कुंदन शाह को श्रद्धांजलि

हिन्‍दी सिनेमा की पांच सर्वकालिक सर्वश्रेष्‍ठ फिल्‍मों से एक ‘जाने भी दो यारो’ (1983)- जिसमें दिवंगत ओमपुरी, नसीरूद्दीन शाह, सतीश शाह, सतीश कौशिक, नीना गुप्‍ता एवं पंकज कपूर जैसे मंजे हुए कलाकारों ने काम किया था- को 23 नवंबर को गोवा के पणजी में दिवंगत फिल्‍मकार कुंदन शाह के श्रद्धांजलि खंड में दिखाया गया। कुंदन शाह नुक्‍कड़ सीरियल के लिए भी काफी लोकप्रिय थे।

संवाददाता सम्‍मेलन में अंतरराष्‍ट्रीय रूप से विख्‍यात फिल्‍म निर्देशक सुधीर मिश्रा के साथ अभिनेता सतीश कौशिक, नीना गुप्‍ता एवं लेखक-निर्देशक रंजीत कपूर ने भी हिस्‍सा लिया जिन्‍होंने इस फिल्‍म में काम किया था। उन्‍होंने इस महान हास्‍य फिल्‍म की शूटिंग के यादगार क्षणों को साझा करके उपस्थित जनसमूह को आनंदविभोर कर दिया।

सुधीर मिश्रा ने कहा कि ‘यह विचित्र बात है कि हम जाने भी दो यारों के बारे में बात कर रहे हैं लेकिन कुंदन आज हमारे बीच मौजूद नहीं है। यह फिल्‍म उनके विचित्र आइडिया का नतीजा थी। सतीश और मैं फिल्‍म क्रू के सबसे युवा सदस्‍य थे। रंजीत कपूर लीजेंड थे। हमें रंजीत कपूर के मित्रों के रूप में जाना जाता था। जब हमने इस मीडियम में कदम भी नहीं रखा था उस वक्‍त तक वह थियेटर के एक मशहूर निर्देशक बन चुके थे। कुंदन ने हमें वह करने को प्रोत्‍साहित किया जिसे हमने जाने भी दो यारों के निर्माण के दौरान अंजाम दिया। हमने खुद को जाने भी दो यारों के माध्‍यम से सृजनशील कलाकारों के रूप में पाया।‘

सतीश कौशिक ने कहा कि, ‘यह एक विशेष दिन है क्‍योंकि हम आज यहां एक बेहद भावुक फिल्‍मकार को श्रद्धांजलि देने के लिए इकट्ठा हुए हैं। मैं मुम्‍बई में 1979 में आया तभी से और फिल्‍म संस्‍थान के दिनों से ही उन्हें जानता हूं। उनका दिमाग औरों से अलग था। फिल्‍मों को लेकर वह एक विचित्र, दीवाने और काफी भावुक फिल्‍मकार थे।

रंजीत कपूर ने कहा कि ‘जब तक जाने भी दो यारों के कलाकार जिंदा हैं तब तक इस फिल्म की पूरी श्रद्धांजलि प्रक्रिया बनी रहेगी।

48वें भारतीय अंतरराष्‍ट्रीय फिल्‍म महोत्‍सव का आयोजन गोवा में 20 नवम्‍बर, 2017 से किया जा रहा है, जो 28 नवम्‍बर तक चलेगा। आईएफएफआई भारत का सबसे बड़ा और एशिया का सबसे पुराना फिल्‍म महोत्‍सव है जिसकी बदौलत इसे विश्‍व के सर्वाधिक प्रतिष्ठित महोत्‍सवों में शुमार किया जाता है।