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दिल्ली के सरकारी स्कूलों के लिए मेगा बुक फेयर

दिल्ली के सरकारी स्कूलों के प्रधानाचार्य, शिक्षक और लाइब्रेरियन अपने स्कूल की लाइब्रेरी के लिए किताबों का चयन खुद कर सकेंगे। दिल्ली के सरकारी स्कूलों की लाइब्रेरीज को बेहतर करने की दिशा में दिल्ली सरकार ने एक नई पहल की है। इसके तहत दिल्ली के सभी 1028 सरकारी स्कूलों के लिए एक मेगा बुक फेयर लगाया गया है। इस तरह का आयोजन पहली बार हो रहा है।

दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने अपने ट्वीट में लिखा है कि दिल्ली सरकार पहली बार एक ऐसा पुस्तक मेला लगा रही है जहां सरकारी स्कूलों के अध्यापक अपने स्कूलों लाइब्रेरीज के लिए खुद पुस्तकें चुनकर खरीद सकेंगे।

शिक्षा मंत्री ने शनिवार को गवर्नमेंट को-एड सर्वोदय विद्यालय, द्वारका सेक्टर 22 में इस पुस्तक मेले का शुभारंभ किया। ये बुक फेयर 20 जनवरी से 2 फरवरी, 2018 तक चलेगा।

इस अवसर पर शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में दिल्ली के सरकारी स्कूलों में अनेक रिफॉर्म हुए हैं। शानदार और साफ-सुथरी स्कूल बिल्डिंग को हर कोई महसूस कर रहा है। इसके अलावा टीचर्स और प्रिंसिपल्स की ट्रेनिंग पर बहुत काम हो रहा है। लेकिन इस शिक्षा क्रांति की दिशा में आज का दिन ऐतिहासिक है। आज से दिल्ली के सरकारी स्कूलों में एक क्रांतिकारी बदलाव होने जा रहा है।

उन्होंने कहा कि आपके बच्चों कि लिए देश के सबसे अच्छे पब्लिशर्स ने क्या छाप रखा है वो सब आप तक पहुंचे। आप उस तक पहुंचें। इसके लिए ये मेगा बुक फेयर लगाया जा रहा है और इस बात पर मेरी जिज्ञासा है कि आप अपने लिए बच्चों के लिए क्या खरीद कर ले जा रहे हैं।

मनीष सिसोदिया ने ये भी कहा कि हम सरकारी स्कूलों की लाइब्रेरी सिस्टम को ऑनलाइन करने जा रहे हैं। इससे हमें पता चल सकेगा कि किस स्कूल में किस तरह के सब्जेक्ट के बच्चे किस तरह की किताबें पढ़ रहे हैं। किन तरह की किताबों में बच्चों की रुचि है, हमें इस सिस्टम से पता चल पाएगा। हमें सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 16 लाख बच्चों के माइंडसेट को समझना है और फिर उस हिसाब से उनको आगे बढ़ाना है।

मेगा बुक फेयर के जरिये हर स्कूल की लाइब्रेरी में किताबें पहुंचाने के पीछे असल मकसद ये है कि हर स्कूल अलग है। हर स्कूल की जरूरतें अलग हैं। बच्चों के प्रोफाइल अलग हैं। टीचर्स के माइंडसेट अलग हैं। इसलिए एक तरह से स्कूलों को ये मौका दिया जा रहा है कि वे अपनी जरूरत के हिसाब से, अपने बच्चों की रुचि के हिसाब से अपनी लाइब्रेरी के लिए किताबों का चयन करें।

उल्लेखनीय है कि वित्त वर्ष 2017-18 के बजट में वित्त मंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने सरकारी स्कूलों में तीन स्तरीय लाइब्रेरी का प्रस्ताव किया था। इसके लिए 17 करोड़ रुपये रखे गये थे। इसके अलावा दिल्ली के सरकारी स्कूलों में लाइब्रेरी ढांचे को शानदार बनाने के लिए 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।

इस बुक फेयर में 81 पब्लिशर्स की 2,136 किताबें रखी गई हैं। इनका चयन बाकायदा एक कमेटी के जरिये किया गया है।