रेहड़ी पटरी वाले जल्द स्वीकार करेंगे ‘ई-वालेट’ से भुगतान

मुंबई, 17 दिसम्बर| नकदी की कमी से निपटने के लिए ग्राहकों के साथ डिजिटल हस्तांतरण संचालित करने हेतु 25 राज्यों में करीब 10 लाख रेहड़ी पटरी वालों को प्रशिक्षित किया जाएगा। नकद रहित हस्तान्तरणों के लिए भारत के राष्ट्रीय रेहड़ी पटरी संघ (एनएएसवीआई) ने मोबाइल वालेट मोबीक्विक के साथ गठजोड़ किया है।

एनएएसवीआई के संस्थापक अरविंद सिंह ने कहा कि नोटबंदी के बाद से छोटे दुकानदार और रेहड़ी पटरीवाले बुरी तरह प्रभावित हुए हैं और इस हालत में मोबीक्विक के साथ साझेदारी से उन्हें काफी मदद मिलेगी।

सिंह ने कहा, “नोटबंदी के बाद रेहड़ी पटरी वालों का 70 प्रतिशत कारोबार खत्म हो गया है और यह निदान उन्हें उनका कारोबार जारी रखने हेतु सक्षम बनाएगा।”

मोबीक्विक की सह-संस्थापक उपासना टाकु ने कहा कि ‘देश के लिए देश का वालेट’ के उद्देश्य के साथ कंपनी भारत और इंडिया के बीच अंतर कम करने का लगातार प्रयास कर रही है।

करीब तीन महीने में यह दस लाख रेहड़ी पटरी वालों को नकदरहित सुविधा के बारे में प्रशिक्षण देगा और बाद में भारत के 24 राज्यों में रेहड़ी पटरी वालों की जीविका सुनिश्चित करने के लिए करीब तीस लाख रेहड़ी पटरीवालों को प्रशिक्षित किया जाएगा।            –आईएएनएस