केन्द्रीय प्रायोजित योजनाओं के लिए धन आवंटन में भारी कमी की गई : वीरभद्र

शिमला, 24 अप्रैल (जनसमा)। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने केन्द्रीय प्रायोजित योजनाओं के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करवाने का आग्रह किया है, ताकि इन योजनाओं का समयबद्ध कार्यान्वयन सुनिश्चित बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रबंधन कार्यक्रम, त्वरित सिंचाई कार्यक्रम (जो अब प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का हिस्सा है) तथा राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम जैसी कुछ केन्द्रीय प्रायोजित योजनाओं के लिए धन आवंटन में भारी कमी की गई है, जिसके परिणामस्वरूप इस योजना के अंतर्गत जो कार्य चले हुए है उन्हें पूरा करने में कठिनाई आ रही है।

मुख्यमंत्री वीरभद्र रविवार को राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली में नीति आयोग की शासकीय परिषद की तृतीय बैठक में बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम के अंतर्गत 105 करोड़ रुपये तथा बाढ़ नियंत्रण कार्यक्रम के तहत 125 करोड़ रुपये की प्रतिपूर्ति राशि केन्द्रीय सरकार के पास लंबित पड़ी है। उन्होंने कहा कि राज्य को राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के तहत वर्ष 2013-14 में प्राप्त निधि से गत तीन वर्षों के दौरान 148 करोड़ रुपये की कम राशि प्राप्त हुई है।

मुख्यमंत्री ने पर्वतीय राज्यों में कृषि क्षेत्र पर अधिक निवेश की आवश्यकता के दृष्टिगत राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत आवंटन में वृद्धि का आग्रह किया।

उन्होंने कहा कि राज्य ने 2016 में खुले में शौचमुक्त (ग्रामीण) के शत-प्रतिशत लक्ष्य को हासिल किया है। उन्होंने कहा कि स्कूलों में सफाई तथा स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिये प्राथमिक तथा माध्यमिक स्कूलों को पुरस्कार प्रदान करने की योजना बनाई गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आर्थिकी के समावेशी तथा स्थाई विकास के लिए 15 वर्ष का विजन, सात वर्षीय रणनीति तथा तीन वर्षीय कार्य योजना तैयार कर रही है। उन्होंने कहा कि 69 अनुश्रवणीय लक्ष्यों की मदद से सतत् विकास के 17 लक्ष्यों को हासिल किया जाना है।

वीरभद्र सिंह ने कहा कि राज्य ने आधार पंजीकरण में शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया है तथा अक्तूबर, 2014 में मनरेगा मजदूरों  का वेतन आधार के माध्यम से सीधे उनके खाते में जमा करवाने में प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है। परिवार रजिस्टर को डिजिटाईज करने में भी हिमाचल प्रदेश पहला राज्य है और प्रदेश के सभी घरों की सूचना ऑनलाईन प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश स्मार्ट शासन के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग करने में बेहतर प्रयास कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश जीएसटी कानून पास करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं और जीएसटी कार्यशालाओं तथा सेमीनारों का आयोजन किया जा रहा है तथा हेल्प डेस्क की स्थापना की जा रही है, जो व्यवसासियों की समस्याओं का समाधान करने में महत्वपूर्ण भूमिका  अदा करेगा।

(फाइल फोटो)