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मेधावी विद्यार्थी योजना से 32 हजार छात्र-छात्राओं को प्रवेश मिला

भोपाल , 20 अगस्त (जनसमा)। मध्यप्रदेश शासन  की मेधावी  विद्यार्थी  योजना से देश-प्रदेश के शिक्षण संस्थाओं में 32,185 छात्र-छात्राओं को प्रवेश मिल गया है। मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रदेश के सभी मेधावी विद्यार्थियों को उनकी विशेष योग्यता और प्रतिभा को बढ़ावा देने के लिये वर्ष 2017 से मुख्यमंत्री मेधावी योजना प्रारंभ की गयी है।

यह योजना मध्यप्रदेश के मूल निवासी मेधावी विद्यार्थियों के लिये है, जिनके पालकों की वार्षिक आय 6 लाख रूपये तक है। उन्होंने 12वीं की माध्यमिक शिक्षा मंडल की परीक्षा में 75 प्रतिशत अथवा सी.बी.एस.सी./आई.सी.एस.ई की परीक्षा में 85 प्रतिशत या उससे अधिक अंक प्राप्त किये हैं।

योजना सभी इंजीनियरिंग, मेडिकल, डेंटल, आयुर्वेदिक, विधि एवं अन्य समस्त स्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने वाले मेधावी विद्यार्थियों के लिये लागू की गयी है, जिन्होंने मध्यप्रदेश एवं भारत सरकार के उच्च संस्थानों में प्रवेश लिया है।

योजना में मध्यप्रदेश के मेधावी विद्यार्थियों द्वारा देश के कई प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों जैसे आई.आई.टी. मुम्बई, दिल्ली, कानपुर, इन्दौर, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी और दिल्ली विश्वविद्यालय सहित देश के 18 आई.आई.टी., 14 एन.आई.टी., 10 राष्ट्रीय विधि संस्थान (नेशनल लॉ इन्स्टीट्यूट), 14 आई.आई.टी. संस्थान एवं 14 अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों में 250 से अधिक मेधावी विद्यार्थियों द्वारा प्रवेश लेकर इस योजना का लाभ लिया जा रहा है।

उल्लेखनीय है विगत वर्षों में उच्च शिक्षा के लिये पात्र विद्यार्थियों के उत्तीर्ण होने का औसत प्रतिशत 46 रहा है। इनमें से 27 प्रतिशत ड्राप आउट हो जाते हैं। इनमें अधिकांश विद्यार्थी धनाभाव के कारण उच्च शिक्षा पाठ्यक्रमों में प्रवेश नहीं ले पाते थे।

योजना के प्रथम चरण में हमारे प्रदेश के 150 से अधिक मेधावी विद्यार्थियों ने प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कालेजों में प्रवेश लिया है। इसी तरह प्रदेश के इंजीनियरिंग कालेजों के 762 विद्यार्थी, पोलिटेक्निक महाविद्यालयों के 83 विद्यार्थी एवं उच्च शिक्षा के महाविद्यालयों के 20 हजार से अधिक विद्यार्थी इस योजना से लाभान्वित हो चुके हैं। नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट में 20 से अधिक विद्यार्थियों ने प्रवेश ले लिया है। आई.आई.एम. इन्दौर एवं स्कूल ऑफ प्लानिंग एवं आर्किटेक्चर जैसे राष्ट्रीय संस्थानों में 17 से अधिक विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है।

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