Rosda or Neelgay

रोजड़ो की आबादी पर अंकुश के लिए पहला पिनहोल बधियाकरण

भोपाल, 28  जुलाई (जनसमा)।  रोजड़ो,  जिसे देश के कई भागों में नील गाय के नाम से जाना जाता है, की आबादी पर अंकुश लगाने के लिए भोपाल के वन विहार में 27 जुलाई को देश का पहला पिनहोल बधियाकरण का सफल प्रयोग किया गया।

मध्यप्रदेश सरकार ने एक प्रेस रिलीज में जानकारी दी है कि रोजड़ों द्वारा फसलों की तबाही मध्यप्रदेश ही नहीं देश के कई राज्यों की ज्वलंत समस्या है। देश में पहली बार भोपाल के वन विहार में विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा रोजड़ों की बढ़ती आबादी पर अंकुश लगाने के लिये नर रोजड़ों का पिनहोल पद्धति से बधियाकरण करने का सफल प्रयोग किया गया है।

सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसारयह कार्यवाही रोजड़ को निश्चेतन कर लगभग 30 मिनिट में पूरी कर ली गई। संबंधित रोजड़ा स्वस्थ एवं सचेत है। विशेषज्ञ इस रोजड़े पर एक माह तक नजर रखेंगे।

इस प्रयोग को अक्टूबर तक पुन: एक बार कर इस विधि के मापदण्डों का निर्धारण कर लिया जायेगा। इसके बाद इस तकनीक को प्रदेश के रोजड़ाग्रस्त क्षेत्रों में आवश्यक प्रशिक्षण और क्रियान्वयन के साथ प्रसारित किया जायेगा।