Elephants

उत्पाती हाथियों ने ग्रामीणों को मार डाला, फसलों को तहस-नहस कर दिया

छत्तीसगढ़ की मवई नदी पार कर मध्य प्रदेश के सीधी जिले के गांवों में घुस आये उत्पाती हाथियों ने दो ग्रामीणों को मार डाला, गांवों के मकानों को रौंद डाला, खड़ी फसलों को तहस-नहस कर दिया और घरों में रखा अनाज खा गए।

एक महीने से भी अधिक समय से उत्पात मचाने वाले इन हाथियों पर नियंत्रण कर लिया गया है और उन्हें बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व भेजा जारहा है।

मध्य प्रदेश वन विभाग के रेस्क्यू दल ने 9 सितम्बर को एक नर हाथी, 12 सितम्बर को हाथी का बच्चा, 15 सितम्बर को 2 मादा हाथी और 16 सितम्बर को 5वाँ और अंतिम हाथी रेस्क्यू किया।

पिछले महीने 4 अगस्त को छत्तीसगढ़ की ओर से मवई नदी पार कर सीधी जिले में घुस आये उत्पाती हाथियों को मध्य प्रदेश के वन विभाग ने रेस्क्यू कर लिया है।

जंगली हाथियों की फाइल फोटो

भोपाल में बुधवार को जारी एक  विज्ञप्ति में कहा गया है कि हाथियों के दल को रेस्क्यू करने का यह मध्यप्रदेश और संभवतः देश में भी पहली सफलता है।

इन हाथियों को बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व भेजे जाने की कार्यवाही की जा रही है।

हाथियों के दल ने सबसे पहले संजय टाइगर रिजर्व के गाँव कुन्दौर के समीप जंगल में डेरा जमाया था।

उन्होंने रात में गाँव के कच्चे घरों को तोड़कर उनमें रखा अनाज खा लिया और खेतों की फसलों को तबाह कर दिया।

टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने तत्काल सोलर लाइट गाँव की सीमा पर लगा कर हाथियों को गाँव में घुसने से रोका।

इसके बाद हाथी अन्य गाँवों में भी इसी तरह उत्पात मचाते हुए सीधी मुख्यालय की 15 किलोमीटर की परिधि में पहुँच गये। वन अमला 24 घंटे हाथियों पर नजर रखे रहा।

हाथियों को भगाने के लिये पश्चिम बंगाल से विशेषज्ञ भी बुलाये गये। ग्रामीणों को पोस्टर, बैनर,मुनादी आदि द्वारा सचेत किया जाता रहा। बचाव के उपायों की लगातार जानकारी देने के बावजूद हाथियों ने दो ग्रामीणों को मार डाला।

ग्रामीणों, परिसम्पतियों और हाथियों की सुरक्षा को देखते हुए संजय टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक ने हाथियों को बेहोश कर रेस्क्यू करने और उन्हें बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व में ले जाने का अनुरोध किया।

विभाग द्वारा पुराने अनुभवों के आधार पर बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक मृदुल पाठक को यह जिम्मा सौंपा गया।

पाठक के नेतृत्व में बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व के अधिकारी.कर्मचारी, सात हाथी और उनके महावत, टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स के सदस्य संजय टाइगर रिजर्व के अधिकारी.कर्मचारी, पेट्रोलिंग श्रमिक, महावत सहित दो हाथी और सुरक्षा श्रमिकों का एक दल गठित कर 7 सितम्बर से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया।