मध्यप्रदेश में शांति के लिए शिवराज ने शुरू किया अनिश्चितकालीन उपवास

भोपाल, 10 जून (जनसमा)। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को यहाँ भेल दशहरा मैदान पर प्रदेश में शांति के लिए अनिश्चितकालीन उपवास शुरू किया।  प्रदेश में आंदोलनरत किसानों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी हर सांस प्रदेश के विकास के लिए और किसानों के कल्याण के लिए समर्पित है। खेती-किसानी और किसानों का कल्याण, हमेशा प्रदेश सरकार की प्राथमिकता रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार संवाद का रास्ता अपनाने के लिये तैयार है लेकिन किसी भी कीमत पर राज्य को आग के हवाले नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि कुछ निहित स्वार्थी तत्वों द्वारा यह दुष्प्रचार किया जा रहा है कि किसानों को सरकार एक धेला नहीं देगी। उन्होने इसका जोरदार खंडन करते हुए कहा कि किसानों के लिये वे जिन्दगी भी दे सकते हैं। मुख्यमंत्री के समर्थन में मंत्रिमंडल के सदस्य और किसान संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

शिवराज ने कहा कि हिंसा नहीं संवाद और शांति ही हर समस्या का हल है। उन्होंने कहा कि हिंसा से किसी का लाभ नहीं होगा। सरकार हमेशा बातचीत के लिये तैयार है। उन्होंने कहा कि किसानों के लिये जीवन भी दे सकते हैं लेकिन उन्हें परेशानी नहीं होने देंगे। लोगों की रक्षा और लोक संपत्तियों की सुरक्षा के लिये राजधर्म का पालन किया जायेगा। शांति भंग करने वालों के विरूद्ध सख्ती बरती जायेगी। उन्होंने कहा कि किसान नहीं, कुछ मुट्ठीभर लोग हिंसा फैला रहे हैं, उनसे सख्ती से निपटा जायेगा।

चौहान ने कहा कि प्रदेश की किसान हितैषी नीतियों के कारण कृषि उत्पादन बढ़ा है। सिंचाई 40 लाख हेक्टेयर में हो रही है। मालवा को रेगिस्तान बनने से रोक दिया गया है। कृषि ऋण 12 प्रतिशत ब्याज से घटाकर जीरो प्रतिशत कर दिया गया है। एक लाख के लोन पर 90 हजार वापस लौटाने की सुविधा दी गयी है। किसानों को भरपूर बिजली मिल रही है। जब भी किसानों पर विपदा आई, वे घर पर नहीं बैठे, किसानों के बीच गये। खेती की लागत कम करने, समय पर खाद बीज देने और फसल में विविधता लाने के अच्छे परिणाम मिले हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की मर्जी के बिना उनकी जमीन नहीं ली जायेगी। इसके लिये अध्यादेश लाया जायेगा। डिफाल्टर किसानों के लिये एक योजना बनाई जायेगी ताकि वे दोबारा लोन लेने के लिये पात्र बन जायें और लोन का भरपूर उपयोग करें। आरटीजीएस के माध्यम से भुगतान करने के लिये निर्देश दे दिये गये हैं। कृषि उपज का लागत मूल्य निर्धारित करने और उन्हें लाभकारी मूल्य दिलाने के लिये कृषि लागत एवं विपणन आयोग बनाया जा रहा है।

चौहान ने कहा कि हिंसक आंदोलन से जिन लोगों की निजी संपत्तियों को नुकसान हुआ है, उन्हें भी राहत दी जायेगी। इसमें करीब 800 पुलिसकर्मी घायल हुए। दूध, सब्जियां नष्ट हुई। करीब 197 बसों को जलाया गया। दूध फेंकने के काम को सहन नहीं कर सकते। जनता की सुरक्षा, उनकी सम्पत्तियों की सुरक्षा के लिये राजधर्म का पालन किया जायेगा।