साहित्यकार रविन्द्र कालिया नहीं रहे

नई दिल्ली,  9 जनवरी (जनसमा)। हिंदी के जाने.माने साहित्यकार रवींद्र कालिया का शनिवार को निधन हो गया। वे 77 साल के थे।  उनका जन्म 11 नवंबर 1938 को जालंधर में हुआ था।
पिछले दिनों उन्हें  लीवर की शिकायत के बाद दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों के मुताबिक पिछले बुधवार को उनकी हालत में सुधार देखते हुए उन्हें वेंटिलेटर से बाहर कर दिया गया था। शनिवार सुबह एक बार फिर उनकी तबीयत बिगड़ गई और  उनका निधन हो गया।उनकी मुख्य कृतियाँ हैं:
कहानी संग्रह : नौ साल छोटी पत्नी, काला रजिस्टर, गरीबी हटाओ, बाँके लाल, गली कूचे, चकैया नीम, सत्ताइस साल की उमर तक, जरा सी रोशनी, रवींद्र कालिया की कहानियाँ
उपन्यास : खुदा सही सलामत है, ए बी सी डी, 17 रानडे रोड
संस्मरण : स्मृतियों की जन्मपत्री, कामरेड मोनालिज़ा, सृजन के सहयात्री, ग़ालिब छुटी शराब, रवींद्र कालिया के संस्मरण
व्यंग्य : राग मिलावट मालकौंस, नींद क्यों रात भर नहीं आती
संपादन : वागर्थ, नया ज्ञानोदय, गंगा जमुना, वर्ष (प्रख्यात कथाकार अमरकांत पर एकाग्र), मोहन राकेश संचयन, अमरकांत संचयन सहित अनेक पुस्तकों का संपादन