The Sultan of Brunei, Mr. Hassanal Bolkiah

ब्रुनेई में चोरी के लिए हाथ काटने और गर्भपात पर कोड़े की सज़ा

ब्रुनेई Brunei  दुनिया का ऐसा देश हो गया है जहाँ चोरी के लिए हाथ काटे जाने और गर्भपात के लिए सार्वजनिक रूप से कोड़े मारे जाने की  सज़ा दी जाएगी।

दक्षिण पूर्व में स्थित तेल संपन्न देश ब्रुनई Brunei   पर पिछले 50 साल से सुल्तान हसनअल बोल्किया मुइज़्ज़ाद्दीन वदाउल्लाह का शासन  हैं ।

इस देश में अब  इस्लाम के अलावा बच्चों को अन्य धर्मों और प्रथाओं के बारे में जानकारी दिया जाना भी अपराध की श्रेणी में आ जाएगा।

ब्रुनेई सरकार Brunei  Government ने बुधवार से बलात्कार, व्यभियार, गुदा मैथुन, मुस्लिम नागरिकों के लिए शादी से इतर यौन संबंधों, लूटपाट, और पैगंबर मोहम्मद के अपमान और अपयश जैसे मामलों में अब मौत की सज़ा का प्रावधान  किया गया है।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाशलेट ने  चिंता जताई कि इससे अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार क़ानूनों का गंभीर उल्लंघन होगा और क्रूर और अमानवीय सज़ाओं का रास्ता खुल जाएगा।
यूएन मानवाधिकार प्रमुख ने इन कड़े प्रस्तावों को मानवाधिकार संरक्षण के नज़रिए से गहरा धक्का बताया है।

वैसे ब्रुनेई सरकार  Brunei  Government के क़ानून में मौत की सज़ा का प्रावधान पहले से ही है लेकिन आख़िरी बार इसका इस्तेमाल 1957 में किया गया था।

यूएन मानवाधिकार प्रमुख ने ज़ोर देकर कहा है कि अंतरराष्ट्रीय क़ानून के तहत मौत की सज़ा सिर्फ़ हत्या और जानबूझकर लोगों को मारने के मामलों में दी जा सकती है, और यह भी सही ढंग से अपनाई गई क़ानूनी प्रक्रिया के बाद।

मिशेल बाशलेट ने कहा “दुनिया में कोई भी न्यायपालिका दावे से यह नहीं कह सकती कि उससे ग़लती नहीं होगी।

उन्होंने कहा कि तथ्य दिखाते हैं कि मौत की सज़ा आमतौर पर उन्हीं लोगों को ज़्यादा सुनाई जाती है जो पहले से ही निर्बल हैं और इससे अन्यायपूर्ण फ़ैसले होने का जोखिम बना रहता है।”

मानवाधिकार उच्चायुक्त बाशलेट ने कहा, “किसी भी धर्म आधारित क़ानून के ज़रिए मानवाधिकारों का उल्लंघन नहीं होना चाहिए। इसमें बहुसंख्यकों, अल्पसंख्यकों और धर्म को न मानने वाले सभी लोगों के अधिकार शामिल हैं।”

उन्होंने कहा है कि ज़रूरत पड़ने पर ब्रुनेई सरकार Brunei Government की मदद के लिए यूएन मानवाधिकार कार्यालय तैयार है.