Chouhan

चौहान ने किसानों की भलाई के लिए योजनाओं का पिटारा खोला

भोपाल , 14 अगस्त (जनसमा)।  मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान ने आकाशवाणी  से प्रसारित कार्यक्रम में किसानों की भलाई के लिए इतनी योजनाओं की घोषणाएं करदी कि उन्हें याद रखना भी मुश्किल है। स्वयं किसान के लिए भी यह  मुश्किल होगा कि वह किस योजना के तहत सरकार  से अपने जायज काम कराये। इसे समझने के लिए चौहान  का भाषण पूरी तरह पढ़ना जरूरी है।  ऐसा लगता है कि चौहान ने किसानों की भलाई के लिए योजनाओं का पिटारा ही खोल दिया है।

(यहां हम भाषण का एक अंश प्रकाशित कर रहे हैं ताकि पाठक योजनाओं के बारे में कुछ समझ सकें।)

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मुख्ममंत्री भावांतर भुगतान योजना, कस्टम प्रोसेसिंग सेंटर्स योजना, किसानों की संतानों के लिए कृषक उद्यमी योजना लागू की जायेगी। उन्होंने डिफाल्टर किसानों के लिये समाधान योजना और मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना लागू किये जाने की जानकारी दी।

चौहान रविवार को आकाशवाणी से प्रसारित कार्यक्रम “दिल से” में किसानों के साथ सीधी बात कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने बताया कि भावांतर योजना के द्वारा किसानों को उनके उत्पाद का लाभकारी मूल्य मिलना सुनिश्चित हो जायेगा। इस योजना में फसल गिरदावरी मोबाइल एप के माध्यम से प्राप्त संपूर्ण डाटा संकलित किया जायेगा। इससे किस किसान ने कौन सी फसल कितने रकबे में बोई, यह पता चलेगा और औसत उत्पादन की गणना कर समर्थन मूल्य और विक्रय मूल्य के अंतर की राशि को सीधे किसानों के खातों में डालने की व्यवस्था होगी।

किसानों को राजस्व मामलों सीमांकन, नामांतरण और बँटवारे आदि में विलम्ब नहीं हो इसके लिए रेवन्यू केसेस मॉनीटरिंग सिस्टम की जानकारी देते हुये चौहान ने बताया कि अगले तीन माह में सभी अविवादित नामांतरण, बंटवारे और सीमांकन प्रकरण निराकृत हो जायेंगे। इसके बाद तीन माह से अधिक पुराने ऐसे लंबित प्रकरणों की जानकारी देने वालों को नगद पुरस्कार मिलने और पुरस्कार की राशि दोषी अधिकारी कर्मचारी से वसूलने की बात कही।

उन्होंने बताया कि शीघ्र ऐसी व्यवस्था की जायेगी जिसमें प्रति वर्ष खसरा की नकल की प्रतिलिपि नि:शुल्क किसानों को उपलब्ध करवाई जायेगी।

उन्होंने बताया कि कस्टम प्रोसेसिंग सेंटर्स योजना शीघ्र प्रारंभ की जायेगी जिसमें युवाओं को 25 लाख रूपये के केन्द्र की स्थापना पर 40 प्रतिशत अनुदान मिलेगा। इन केन्द्रों में किसान अपने कृषि उद्यानिकी उत्पाद लाकर किराये पर उनकी क्लीनिंग, ग्रेडिंग, पैकिंग और मूल्य संवर्द्धन करवा सकेंगे।

किसानों की संतानों के लिए कृषक उद्यमी योजना शीघ्र शुरू की जा रही है जिसमें स्वरोजगार के लिए 10 लाख से 2 करोड़ रूपये का ऋण सरकार की गारंटी पर मिलेगा। इसमें 15 प्रतिशत अनुदान तथा 5 वर्षों तक 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान की भी व्यवस्था की गई है।

चौहान ने बताया कि किसानों की आय को दोगुना करने के प्रधानमंत्री के लक्ष्य को प्राप्त करने का रोडमैप तैयार कर लिया है जिसे हर जिले के किसानों के साथ साझा किया जा रहा है। इसमें पाँच बिन्दुओं कृषि लागत में कमी, उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि, कृषि विविधीकरण, उत्पादन का लाभकारी मूल्य और कृषि के जोखिम अथवा आपदाओं में बेहतर राहत की व्यवस्था करने पर मुख्य रूप से ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा कि आय को दोगुना करना कोई कल्पना नहीं है।

बुरहानपुर के गाँव हैदरपुर के प्रकाश जावले ने खेती की सही पद्धति, माइक्रो न्यूट्रेंट आदि का उपयोग कर एक एकड़ सोयाबीन का उत्पादन 5 से 7 क्विंटल कर लिया। गन्ने में ड्रिप फर्टीगेशन और एसएसआई पद्धति से उत्पादन 40 से 53 टन कर लिया।

इस मॉडल से खेती कर प्रति एकड़ 62 हजार रूपये के लाभ को उन्होंने एक लाख रूपये कर लिया है।

इसी तरह छिंदवाड़ा जिले के पांढ़ुर्ना के गांव तिगांव के मधुसूदन टोनपे, सीधी जिले के गांव उपनी के हरीलाल जायसवाल ने हाईटेक सब्जी के उत्पादन से, उज्जैन के गांव माकड़ोन के हरीश पाटीदार ने पॉली हाउस में जैविक पान की खेती से, आगर जिले के गांव नलखेड़ा के बद्रीलाल धाकड़ ने एक हेक्टेयर के बगीचे में 600 क्विंटल संतरे का उत्पादन कर लागत का 6 गुना तक बढ़ाने की जानकारी दी।

उन्होंने खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए सरकार के प्रयासों की भी जानकारी दी।

मुख्यमंत्री ने बताया कि किसानों को सस्तीदर पर कृषियंत्र किराये पर उपलब्ध करवाने के लिए कस्टम हायरिंग सेंटरों की स्थापना और ग्रामीण युवाओं को उनसे जोड़ा गया है। यह भी बताया कि मिट्टी की जाँच की व्यवस्था सभी विकासखण्डों में करवाई जा रही है ताकि जाँच के लिये किसानों को ज्यादा दूर नहीं जाना पड़े।

मुख्यमंत्री कृषक सहकारी ऋण सहायता योजना के द्वारा खाद बीज के लिए माइनस 10 प्रतिशत पर कर्ज दिया जाता है। साहूकार पैसों की वसूली के लिए जोर जबरदस्ती नहीं कर सके, इसके उचित प्रबंध किये गये हैं। साथ ही साहूकार मूलधन से अधिक ब्याज नहीं ले सके, इसके लिये कानून में संशोधन की पहल की गई है। संशोधित प्रस्ताव राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिये भेजा गया है।

मुख्यमंत्री ने किसानों को वैज्ञानिक आधार पर बीज दर अनुसार बुवाई करने, अरहर की धारवाड़ पद्धति से, धान की श्री पद्धति से, रिज-फरो पद्धति से सोयाबीन की खेती करने, अंतवर्तीय फसलों की खेती करने का परामर्श दिया।

चौहान ने बताया कि अंतवर्तीय फसलें किसानों को प्राकृतिक आपदा के समय सुरक्षा देती है। उन्होंने खेती के साथ सहायक व्यवसाय के द्वारा अतिरिक्त आय अर्जित करने के लिये किसानों को प्रेरित किया।

पशुपालन को लाभदायक बनाने के लिये आचार्य विद्या सागर गौ संवर्धन योजना की जानकारी देते हुये मुख्यमंत्री ने बताया कि 10 लाख रुपये तक की इकाई के लिये ढ़ाई लाख रूपये के अनुदान की व्यवस्था है।

विगत दिनों प्याज के मूल्यों में आई गिरावट का उल्लेख करते हुये चौहान ने बताया कि भविष्य में प्याज ठीक मूल्य पर बिके, इसके लिये प्याज के भंडारण में मदद की योजना तैयार की गई है जिसमें किसानों को 50 मी. टन क्षमता वाले भंडार गृह बनाने पर 50 प्रतिशत पौने दो लाख रूपये अनुदान राशि के रूपये मिलते हैं।

उन्होंने खरपतवार नियंत्रण की दृष्टि से मल्चिंग को बढ़ावा देने फार्म पॉण्ड की प्लास्टिक लाइनिंग योजना, सोलर ड्रायर योजना और समन्वित कीट प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिये जाने की बात कही।

दूध उत्पादकों को उनके दुग्ध उत्पादक का उचित मूल्य दिलाने की प्रतिबद्धता का उल्लेख करते हुये मुख्यमंत्री ने बताया कि तीन हजार दूध संकलन केन्द्रों से प्रतिदिन एक लाख किलो दूध एकत्रित हो रहा है। प्रदेश में 14 मिलियन टन दुग्ध उत्पादन द्वारा राज्य देश में चौथे स्थान पर है।