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वाणिज्य और व्यापार में तेजी से आगे बढ़ रहे भारत और चीन

भारत और चीन आपस में व्यापार बढ़ाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। दोनों देशों का रुख आर्थिक तरक्की के लिए सकारात्मक है। इस समय कृषि उत्पादों कों प्राथमिकता दी जारही है।

इसी संदर्भ में  वाणिज्‍य सचिव डॉ. अनूप वधावन पिछले सप्‍ताह बीजिंग के दो दिवसीय सरकारी दौरे पर थे।

21 से 22 जनवरी, 2019 तक अपने दौरे के अवसर पर डॉ. वधावन ने भारत के कृषि और संबद्ध उत्‍पादों के लिए बाजार पहुंच तथा अन्‍य मुद्दे के परीक्षण के लिए चीन के सीमा शुल्‍क सामान्‍य प्रशासन (जीएसीसी) मामले के उपमंत्री श्री झांग जीवेन के साथ द्विपक्षीय बैठक की।

झांग जीवेन के साथ बैठक के दौरान, वाणिज्‍य सचिव ने भारतीय उत्‍पादों के लिए कृषिगत बाजार पहुंच संबंधी काफी समय से लम्बित उन मामलों के त्‍वरित समाधान को लेकर जीएसीसी की सराहना की।

फोटो: वाणिज्‍य सचिव और चीन के उपमंत्री व्‍यापार के मुद्दे पर बीजिंग में 21-22 जनवरी,2019 को विचार-विमर्श करते हुए

इन मुद्दों पर पिछले वर्ष राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग तथा प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के बीच वूहान में अनौपचारिक बैठक के दौरान सहम‍ति कायम हुई थी।

उस बैठक के बाद, एससीओ शिखर सम्‍मेलन के साथ-साथ जून 2018 में गैर-बासमती चावल के निर्यात के बारे में संधि पर हस्‍ताक्षर किए गए थे। जीएसीसी ने 6 भारतीय मिलों को चीन के लिए रैपसीड खाद्य के निर्यात के लिए भी मंजूरी दी।

नवंबर 2018 में चीन के जीएसीसी उपमंत्री के नई दिल्‍ली के दौरे के अवसर पर मछली खाद्य और मछली तेल के निर्यात के लिए संधि पर हस्‍ताक्षर किए गए थे।

जीएसीसी ने दिसंबर  2018 में भारतीय सोयाबीन खाद्य इकाइयों और अनार के बागानों के साथ-साथ पैक हाऊसों के निरीक्षण के लिए विशेषज्ञ भी तैनात किए हैं। इन उत्‍पादों के लिए एसपीएस संधि वार्ताएं प्रगति पर हैं।

वाणिज्‍य सचिव के दौरे के अवसर पर, भारत और चीन ने भारत से चीन के लिए तम्‍बाकू पत्‍तों के निर्यात के लिए संधि पर भी हस्‍ताक्षर किए।

भारत में अंतर्राष्‍ट्रीय मानकों के अनुसार गुणवत्‍तापूर्ण तम्‍बाकू किफायती मूल्‍यों पर उपलब्‍ध है और चीन में भारतीय तम्‍बाकू के निर्यात की अच्‍छी संभावना है।

चीन के साथ पादप स्‍वच्‍छता संधि कायम होने से चीन में भारतीय तम्‍बाकू का निर्यात फिर से शुरू हो पाएगा, जो आर्थिक दृष्टि से भारतीय किसानों के लिए लाभदायक सिद्ध होगा।

इस प्रकार, हाल की अवधि में भारत के बहुत से कृषिगत एवं संबद्ध उत्‍पादों के लिए बाजार पहुंच के संदर्भ में महत्‍वपूर्ण प्रगति हुई है। वाणिज्‍य सचिव ने जीएसीसी से अनुरोध किया कि वे भिंडी, सोयाबीन, पशुओं के मांस और दूध उत्‍पादों जैसे अन्‍य उत्‍पादों के लिए शीघ्रतापूर्वक बाजार पहुंच कायम करे।

वाणिज्‍य सचिव ने आरसीईपी वार्ताओं में प्रगति तथा द्विपक्षीय व्‍यापार को मजबूत करने के प्रयासों के बारे में विचार-विमर्श करने के उद्देश्‍य से चीन के वाणिज्‍य मंत्रालय में उपमंत्री  वांग शॉवेन के साथ द्विपक्षीय बैठक में भी भाग लिया।