Cyclone IDAI_Mozambique

चक्रवाती तूफान इडाई से पीड़ितों की मदद के लिए भारतीय नौसेना मोजांबिक में

Cyclone 'IDAI' in Mozambique

Cyclone ‘IDAI’ in Mozambique

मानवीय सेवा के लिए प्रतिबद्ध भारतीय नौसेना दक्षिण अफ्रिकी देश मोज़ाम्बिक में 15 मार्च को आए चक्रवाती तूफान Cyclone IDAI  से पीडित लोगों को राहत पहुंचाने के काम में मुस्तैदी से जुटी है।

मोज़ाम्बिक एक दक्षिणी अफ्रीकी राष्ट्र है जिसकी लंबी तटीय रेखा हिंद महासागर को छूती है।

मोजांबिक में 15 मार्च को आए चक्रवाती तूफान ‘इडाई’ Cyclone IDAI के बाद लोगों की  मदद करने और आपदा राहत प्रदान करने के लिए भारतीय नौसेना ने अपनी पहली प्रशिक्षण स्वायड के तीन जहाजो सुजाता, सारथी और शार्दूल को मोजांबिक के पोर्ट बीरा भेजा ।

चक्रवाती तूफान ‘इडाई’ Cyclone IDAI  से पीड़ित लोगों को मदद के लिए यह कदम मोजांबिक सरकार के अनुरोध के बाद उठाया गया।

आईएनएस सुजाता और आईसीजीएस सारथी 18 मार्च की सुबह पोर्ट बीरा पंहुचे जबकि आईएनए शार्दूल 19 मार्च को पोर्ट बीरा पंहुचा और उसके बाद से स्थानीय प्रशासन को आवश्यक सहायता प्रदान कर रहे हैं।

चक्रवाती तूफान ‘इडाई’ Cyclone IDAI ने 15 मार्च की सुबह मोजांबिक के बीरा में व्यापक नुकसान किया और इसके कारण मोजांबिक के केंद्रीय और उत्तरी प्रांत में बड़ी संख्या में लोगो की मौत हुई।

चक्रवाती तूफान ‘इडाई’ Cyclone IDAI से  बीरा शहर में सर्वाधिक नुकसान हुआ है और इसने आधारभूत ढांचे को व्यापक स्तर पर नुकसान पंहुचाया है।

पोर्ट बीरा के पास लगभग पांच हजार लोगो के असहाय स्थिति में फंसे होने की जानकारी सामने आई है, जिन्हें तुंरत निकालने की आवश्यकता है।

चक्रवाती तूफान ‘इडाई’ से   प्रभावित लोगो को सुरक्षित निकालने के लिए भारतीय नौसेना के जहाजो द्वारा स्थानीय प्रशासन के साथ विचार.विमर्श कर समन्वय किया जा रहा है।

मोजांबिक के रक्षा प्रशासन को खाद्य, दवाई और वस्त्र आदि सामान भेजा गया है और इसके साथ ही पेयजल को जहाजो से उतारने के प्रयास प्रगति पर है।

मोजांबिक के रक्षा मंत्री ने राहत कार्यो का जायजा लेने के लिए भारतीय नौसेना के जहाजो का दौरा किया।

सुजाता में प्रथम प्रशिक्षण स्वायड के वरिष्ठ अधिकारी कैप्टन वरूण सिंह ने बताया कि राहत कार्यो में सहायता प्रदान करने के लिए भारतीय नौसेना के जहाज कोई कसर नहीं छोडेंगे।

आईएनएस शार्दुल के हैलीकॉप्टर स्थानीय हवाई अड्डो से निगरानी करने और बचाव तथा राहत में कार्यरत हैं। इसके साथ ही फंसे हुए लोगो की मदद करने के लिए नावों, लैंडिग क्राफ्ट एसाल्ट और जैमिनी नावों की मदद ली जाएगी।