BRICS

उच्च शिक्षा में पेशेवर शिक्षाविदों को बढ़ावा देने की पहल करें

नई दिल्लीए 06 जुलाई (जनसमा)।चीन के बीजिंग में  मंगलवार को ब्रिक्स देशों के शिक्षा मंत्रियों की 5वीं बैठक में बीजिंग घोषणापत्र को स्वीकार किया गया जिसमें कहा गया है कि  शिक्षा के विकास के लिए ब्रिक्स नेटवर्क विश्वविद्यालय के माध्यम से उच्च शिक्षा में पेशेवर शिक्षाविदों को बढ़ावा देने की पहल करें।

बीजिंग घोषणापत्र में कहा गया  है कि  हम, ब्रिक्स देशों –ब्राज़ील गणराज्य, रूसी संघ, भारत गणराज्य, पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना और दक्षिण अफ्रीका गणराज्य  के शिक्षा मंत्री पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के बीजिंग में 04-05 जुलाई, 2017 को शिक्षा सुधारों पर चर्चा करने के लिए, शिक्षा में समानता और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देने ,शिक्षा के क्षेत्र में ब्रिक्स सहयोग को मजबूत करने और ब्रिक्स सदस्य देशों के बीच छात्रों व विद्वानों, शैक्षिक संकायों के आदान-प्रदान के लिए एकत्रित हुए।

इस अवसर पर मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में सरकार शिक्षा में सुधार कर रही है और फिर से प्राथमिकताएं तय कर रही है। स्कूली शिक्षा के अंतर्गत सीखने के स्तर पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है और विद्यार्थियों में रचनात्मकता बढ़ाने तथा जिज्ञासा व उत्सुकता जगाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उच्च शिक्षा में कौशल निर्माण, शोध व अनुसंधान और ननोन्मेष पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

जावड़ेकर ने शिक्षा के क्षेत्र में भारत सरकार के कुछ बड़े निर्णयों का उल्लेख किया। उन्होंने राष्ट्रीय संस्थान श्रेणी फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) का जिक्र करते हुए कहा कि यह भारतीय संस्थाओं को सापेक्ष श्रेणी (रैंकिंग) प्रदान करती है। इसके अतिरिक्त भारत का स्वदेशी एमओओसी प्लेटफॉर्म स्वयं” (एसडब्ल्यूएवाईएएम) है जो 480 ऑनलाइन पाठ्यक्रम संचालित है और 2000 पाठ्यक्रमों की योजना बना चुका है। ज्ञान (जीआईएएन – शैक्षणिक नेटवर्क के लिए वैश्विक पहल) के अंतर्गत 62 देशों के 600 प्रोफेसर हैं जिन्होंने भारत में शैक्षणिक पाठ्यक्रमों का संचालन किया है और हमें आशा है कि इस वर्ष 800 प्रोफेसर अपना योगदान देंगे।

मंत्री  ने भारत के शोध कार्यक्रम इंप्रिंट का उल्लेख करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम भारत में शोध के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की पहचान करता है। इसके अलावा राष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी है जो 7.2 मिलियन ऑनलाइन संसाधन निःशुल्क उपलब्ध कराता है। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय शैक्षणिक भंडार (एनएडी- नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी) और स्मार्ट इंडिया हैकेथॉन हैं जिसके तहत 40 हजार विद्यार्थी विभिन्न स्रोतों से आए 300 समस्याओं का समाधान करते हैं।

ब्रिक्स सदस्य देशों के प्रतिनिधियों ने भी अपने-अपने देशों के शिक्षा व्यवस्था, सरकार के कार्यक्रम और ब्रिक्स देशों के मध्य सहयोग के क्षेत्रों की पहचान करने का उल्लेख किया। 04 जुलाई, 2017 को उच्च अधिकारियों की बैठक में शिक्षा पर बीजिंग घोषणा पत्र चर्चा हुई। बीजिंग घोषणा पत्र ब्रिक्स सदस्य देशों के मध्य कुछ विशेष कार्यक्रमों में अधिक सहयोग की पहचान करता है। इसके अंतर्गत स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा, तकनीकी और व्यवसायिक शिक्षा का समावेश किया गया है।