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संघ के स्वयंसेवकों की संख्या में गत वर्ष की तुलना में एक लाख की वृद्धि

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों की संख्या में गत वर्ष की तुलना में एक लाख की वृद्धि हुई है। संघ अपने कार्य के विस्तार के लिए भौगोलिक दृष्टि से तालुका, ब्लाक, और मंडल बनाकर अपना कार्य कर रहा है।

लगभग 56 हजार 600 मंडल बनाए गए है, जिसमें से हम 32 हजार तक सीधे पहुँच चुके हैं।

यह जानकारी शुक्रवार को मुंबई में सरकार्यवाह सुरेश उपाख्य भैयाजी जोशी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक के बाद पत्रकारों को दी। भैयाजी ने कहा कि इसमें संघ के कार्यों की समीक्षा की गई ।

उन्होंने बताया कि विगत 6 वर्षों में हम तेज गति से आगे बढ़े हैं। इन 6 वर्षों में हमारा काम डेढ़ गुना बढ़ा है। आज देश भर में 35 हजार 500 गाँवों में संघ की शाखायें चल रही हैं।

भैयाजी ने कहा कि गत वर्ष की तुलना में इस साल हम 1400 नए स्थानों पर पहुँचे हैं। संघ की शाखा की संख्या 55825 हो चुकी है। गत एक वर्ष में 2200 शाखाओं की वृध्दि हुई है।

उन्होंने बताया कि संघ का साप्तहिक मिलन 17 हजार गाँवों में नियमित रूप से हो रहा है। मासिक मिलन का कार्य 9 हजार स्थानों पर चल रहा है। 61 हजार स्थानों पर संघ प्रत्यक्ष कार्य कर रहा है।

भैयाजी ने कहा कि बताया कि देश भर में संघ के 1.70 लाख सेवा प्रकल्प चल रहे हैं। ये सेवा कार्य ग्रामीण, आदिवासी और शहरी क्षेत्रों में चल रहे हैं।

  • संघ द्वारा 25 बड़े अस्पताल, 12 ब्लड बैंक और वनवासी क्षेत्रों में एकल विद्यालय के माध्यम से एक शिक्षक वाले स्कूल 50 हजार से अधिक गाँवों में चलाए जा रहे हैं।
  • कई गाँवों में फर्स्ट एड की सेवा भी चलाई जा रही है और 10 हजार आरोग्य रक्षकों के माध्यम से सामान्य बीमारियों में ग्रामीणों को तत्काल चिकित्सा सुविधा दी जा सके।
  • इसी तरह महिलाओं के 20 हजार सेल्फ हेल्प ग्रुप चल रहे हैं। इसके अलावा होस्टलए कोचिंग क्लास आदि का भी संचालन किया जा रहा है।
  • गत वर्ष संघ के 30 हजार स्वयंसेवकों के माध्यम से देश भर में 2000 स्थानों पर 13 लाख पेड़ लगाए गए। आने वाले दिनों में इस क्षेत्र में सतत् कार्य किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि कार्यकारी मंडल ने जल और पर्यावरण संरक्षण को गंभीरता से लिया है और आने वाले दिनों में इस पर बड़े पैमाने पर कार्य किया जाएगा।