Rajasthan Police Artists Performance Sufi Sangeet Mahotsava at Jaipur

सूफी संगीत महोत्सव में राजस्थान पुलिस कलाकारों ने दी शानदार प्रस्तुति

जययपुर, 17 अक्टूबर (जस)। गुलाबी नगरी जयपुर मेंं 14 से 16 अक्टूबर, 2016 को डिग्गी पैलेस जयपुर में आयोजित दक्षिण एशियाई सूफी संगीत महोत्सव के समापन सत्र में राजस्थान पुलिस के कलाकारों द्वारा शानदार प्रस्तुतियां दी गई। पूर्व महानिदेशक पुलिस राजेन्द्र शेखर के मुख्य आतिथ्य तथा महानिदेशक पुलिस मनोज भट्ट सहित पुलिस विभाग के सेवानिवृत्त तथा सेवारत अधिकारियों तथा देश विदेश के सुधि श्रोतागणों की गरिमामय उपस्थिति में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया।

सूफी संगीत जो अमीर खुसरो, कबीर, मीराबाई, बुल्लेशाह जैसे संतो की वाणी को साकार कर आत्मा से परमात्मा के मिलन की अनुभूति करवा कर समर्पण भाव को प्रस्तुत करता है। इसी को साकार करने के लिए राजस्थान पुलिस अकादमी के निदेशक राजीव दासोत के मार्गदर्शन में राजस्थान पुलिस अकादमी के सेन्ट्रल बैण्ड तथा यहां के प्रशिक्षकों तथा प्रशिक्षणार्थियों ने पूर्ण मनोयोग से प्रस्तुतियां दी। कार्यक्रम की शुरुआत में राजस्थान पुलिस सेन्ट्रल बैण्ड ने राजस्थान के स्वागत गीत केसरिया बालम की प्रस्तुति देकर सभी मेहमानों का स्वागत किया। इसके पश्चात् राजस्थान पुलिस अकादमी के प्रशिक्षक सुबै सिंह ने सूफियाना अन्दाज में ’’लागी तुझसे मन की लगन’’ प्रस्तुत किया जिसे श्रोताओं द्वारा काफी सराहा गया।

इसके पश्चात सेन्ट्रल बैण्ड ने 14वीं शताब्दी की अमीर खुसरो की रचना ’’मौसे नैना मिलाय के’’ को आधुनिक रुप में प्रस्तुत किया। तैराकी प्रशिक्षक पूनम शर्मा ने जयदीप गौसाई की रचना’’ आज मेरे पिया घर आये’’ को काफी आकर्षक रुप मेंं प्रस्तुत किया। शाहबाज कलन्दर के सम्मान में गाया जाने वाले गीत ’’दमादम मस्त कलन्दर’’ को जब सेन्ट्रल बैण्ड द्वारा प्रस्तुत किया गया तो श्रोता झूम उठे। सुबै सिंह ने जयदीप साहनी की रचना ’’मौला मेरे मौला’’ को प्रस्तुत किया तो पूरा माहौल सूफियाना रुप मे नजर आया।

कार्यक्रम की अन्तिम प्रस्तुति राजस्थान पुलिस अकादमी के बैण्ड प्रशिक्षुओं की टीम ने प्रस्तुत की। पश्चिमी राजस्थान के लंगा – मांगणियार की परम्परा व विरासत को कोजे खान, जबल खान व उनकी टीम ने प्रस्तुत किया। खड़ताल व मोरचंग की जुगलबन्दी से प्रारम्भ हुई इस प्रस्तुति ने जब ’’दमादम मस्त कलन्दर’’ की धुन पे गाना प्रारम्भ किया तो सभी श्रोता झूम उठे तथा अनेक श्रोता अपने कदमों को रोक नहीं पाये तथा नाचने लगे।