दलितों का मूल्य क्या जानवरों से भी कम है? - जनसमाचार

दलितों का मूल्य क्या जानवरों से भी कम है?

नई दिल्ली, 31 जुलाई | भारतीय जनता पार्टी के सांसद उदित राज ने रविवार को पूछा कि दलितों का मूल्य क्या जानवरों से भी कम है? सांसद ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि कुछ गौरक्षक मानते हैं कि दलितों के जीवन का मूल्य उससे भी कम है। कुछ जगहों पर दलितों के मंदिरों में प्रवेश पर प्रतिबंध है। कुछ जगहों पर मरी हुई गाय की खाल उतारने के लिए दलितों की हत्या की जा रही है और कुछ जगहों पर दलितों के गुस्से के का इजहार करने पर उनका शोषण किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म के कथित रक्षकों को हर हाल में इसका जवाब देना चाहिए कि क्या वे मानते हैं कि दलितों के जीवन का मूल्य जानवरों से भी कम है?

उदित राज ने 19वें अखिल भारतीय अनुसूचित जाति/ जनजाति महासंघ के राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उदित ही इस संगठन के अध्यक्ष हैं।

भाजपा सांसद ने यह भी सवाल किया कि हिंदू धर्म की रक्षा करने वाले दलितों के खिलाफ अत्याचार की घटनाओं के विरोध में क्यों नहीं आगे आते?

दलितों पर अत्याचार होने पर केवल दलित ही क्यों आगे आते हैं? क्या भारतीय राष्ट्रवाद के प्रस्तावक उन्हें भारतीय समाज का हिस्सा नहीं मानते?

पश्चिमोत्तर दिल्ली के सांसद ने कहा कि इसी तरह के व्यवहार के कारण दलित दूसरे धर्म अपनाने के लिए बाध्य हैं। –आईएएनएस