कला तथा साहित्य के बगैर जी.डी.पी का कोई मतलब नहीं

लखनऊ, 14 जनवरी । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुरूवार को कहा कि किसी भी देश की प्रगति सिर्फ जी.डी.पी से नहीं आंकी जा सकती है। इसके लिए कला, संस्कृति तथा साहित्य के साथ-साथ भाषिक स्तर पर लोगों के एक-दूसरे से जुड़ने पर भी ध्यान देना होगा। साथ ही, सभी के उत्थान के लिए काम करना होगा, क्योंकि इसके बगैर जी.डी.पी का कोई मतलब नहीं है।

मुख्यमंत्री ने यह विचार आज यहां गोमती नगर स्थित संगीत नाटक अकादमी के संत गाडगे सभागार में आॅल इण्डिया क़ैफ़ी आज़मी अकादमी के तत्वावधान में उनकी 97वीं जयन्ती के अवसर पर आयोजित क़ैफ़ी आज़मी अवार्ड समारोह ‘जश्न-ए-क़ैफ़ी आज़मी’ को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए।

यादव ने कहा कि कविता में रुचि रखने वाला हर व्यक्ति क़ैफ़ी आज़मी को जानता है, क्योंकि उन्होंने मुम्बई की चमक-दमक देखने के बाद अपने गांव से जुड़कर ग्रासरूट स्तर पर काम किया।

उन्होंने कहा कि क़ैफ़ी आज़मी ने गांव के विकास को अपना लक्ष्य बनाया और इसके लिए तहे दिल से काम किया। क़ैफ़ी आज़मी के गांवों के विकास के सपने को पूरा करने का कार्य राज्य सरकार पूरी शिद्दत से कर रही है। उन्होंने कहा कि  आज़मी ने महिला सशक्तीकरण के लिए काफी काम भी किया और अपने साहित्य से इसको बल भी दिया।

इस अवसर पर  यादव ने कहा कि श्रीमती श़बाना आज़मी की कल रिलीज़ होने वाली फिल्म ‘चाॅक एण्ड डस्टर’ को राज्य सरकार द्वारा टैक्स फ्री कर दिया गया है।

यादव ने कहा कि कै़फ़ी अकादमी द्वारा हिन्दी तथा उर्दू को बढ़ावा देने के लिए अच्छा कार्य हो रहा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2012 में सत्ता में आने पर उन्हें इस अकादमी के विषय में जानकारी मिली और यह भी पता लगा कि इसकी शुरुआत नेताजी (सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव) द्वारा कराई गई थी। वर्तमान सरकार ने इस अकादमी को जल्द से जल्द पूरा करने का बीड़ा उठाया। इसके विकास के लिए सरकार हर सम्भव सहायता उपलब्ध कराएगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह अकादमी शीघ्र पूर्ण हो जाएगी।

यादव ने कहा कि मौजूदा सरकार साहित्य, कला, संस्कृति के संरक्षण, संवर्धन तथा इनसे जुड़े कलाकारों को प्रोत्साहन देने का काम कर रही है। कलाकारों को सम्मानित करने के लिए विभिन्न पुरस्कारों को फिर से पुनर्जीवित किया गया है, क्यांेकि पिछली सरकार द्वारा सारे सम्मान बन्द कर दिए गए थे और इस पूरे क्षेत्र की घोर अनदेखी की गई थी। राज्य सरकार हिन्दी, उर्दू व संस्कृत भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है। हिन्दी और उर्दू आपस में बहनें हैं, जो हमारी गंगा-जमुनी तहजीब को बनाए रखने के साथ-साथ समाज को जोड़ने का काम करती हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लखनऊ कला, संस्कृति और साहित्य का एक उत्कृष्ट केन्द्र पहले भी रहा है और अब ये और मजबूती के साथ इस क्षेत्र में उभर रहा है। यह शहर अब बहुत तेजी से बदल रहा है, क्योंकि यहां पर मेट्रो रेल के अलावा कई अन्य महत्वपूर्ण एवं बड़ी अवस्थापना सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे प्रदेश में विकास की नई इबारत लिखेगा। साथ ही, लखनऊ पर्यटन की दृष्टि से एक अति महत्वपूर्ण केन्द्र के रूप में भी सामने आएगा।

प्रदेश की समाजवादी सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न विकास एवं जनहितकारी योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में समाज के सभी वर्गों का ध्यान रखा जा रहा है और गरीबों और पिछड़ों को अधिक से अधिक लाभान्वित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 12वीं पास विद्यार्थियों को निःशुल्क लैपटाॅप बांटे गए हैं, जबकि आज लखनऊ में ही समाजवादी ई-रिक्शा योजना के तहत 300 लाभार्थियों को निःशुल्क ई-रिक्शे प्रदान किए गए हैं।

इसी प्रकार राज्य सरकार पर्यावरण संतुलन के साथ-साथ पर्यटन को बढ़ावा देने की दृष्टि से लखनऊ में जनेश्वर मिश्र पार्क का विकास करवा रही है, जिसमें अभी नव वर्ष पर लाखों की तादाद में लोग पहुंचे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादी पेंशन योजना का लाभ गरीब घरों की महिला मुखियाओं को दिया जा रहा है। इसी प्रकार ‘108’ समाजवादी स्वास्थ्य सेवा तथा ‘102’ नेशनल एम्बुलेन्स सर्विस के तहत लोगों को एम्बुलेन्स सेवा आसानी से उपलब्ध कराई जा रही है। 1090 वीमेन पावर लाइन ने महिलाओं में आत्मविश्वास का संचार किया है। किसानों को निःशुल्क सिंचाई सहित विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर साहित्यकार रवीन्द्र वर्मा, हिन्दी-उर्दू लेखिका सुश्री रख़्शंदा जलील तथा मशहूर थियेटर कलाकार श्रीमती नादिरा ज़हीर बब्बर को शाॅल, प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह् तथा प्रत्येक को एक-एक लाख रुपए के चेक भेंट कर सम्मानित किया।

श़बाना आज़मी ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारी प्रगति के लिए महिला सशक्तीकरण अत्यन्त आवश्यक है, जिस पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कला एक जरिया है, जिसके माध्यम से समाज में बदलाव लाया जा सकता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि क़ैफ़ी अकादमी शुरु होने के उपरान्त वहां का कैफे कल्चरल हब के रूप में शीघ्र ही स्थापित होगा। उन्होंने मुख्यमंत्री को फिल्म ‘चाॅक एण्ड डस्टर’ को टैक्स फ्री किए जाने के लिए धन्यवाद दिया।

मुख्य सचिव आलोक रंजन ने अपने सम्बोधन में कहा कि क़ैफ़ी आज़मी एक बड़े शायर तो थे ही, साथ ही वे एक बेहतरीन इंसान भी थे। उन्होंने अपने क्षेत्र के विकास के लिए अनेक कार्य किए। राज्य सरकार उन्हीं से प्रेरणा लेते हुए प्रदेश के सर्वांगीण विकास में लगी हुई है।

इस अवसर पर राजनैतिक पेंशन मंत्री राजेन्द्र चैधरी, सुप्रसिद्ध अभिनेता राज बब्बर और क़ैफ़ी अकादमी के जनरल सेक्रेटरी सैय्यद सईद मेहदी के अलावा बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।