कार्यकर्ता लोहिया के नारे लगाते हैं, लेकिन उनके सिद्धांतों भूल गए : मुलायम

पार्टी तय करेगी चुनाव में कौन होगा मुख्यमंत्री चेहरा : मुलायम

लखनऊ, 14 अक्टूबर | समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव भले ही लगातार कह रहे हैं कि परिवार में सब ठीक है, लेकिन ऐसा लग नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि 2017 में मुख्यमंत्री कौन होगा, यह विधानमंडल दल की बैठक में तय होगा। पार्टी प्रमुख ने संकेत दिया है कि सपा मुख्यमंत्री पद के लिए पहले से तय चेहरा बदल भी सकती है। मुलायम ने पांच नवंबर को होने वाले पार्टी के सम्मेलन को लेकर शुक्रवार को लखनऊ में मीडिया से मुखातिब हुए।

सपा प्रमुख ने कहा, “हमारे परिवार में कोई विवाद नहीं है। जनता हमारे परिवार को प्यार करती है। तीन दशक से परिवार में कोई भी विवाद नहीं है। शिवपाल पार्टी के प्रभारी और सब-कुछ हैं।”

पार्टी के 2017 के विधानसभा चुनाव में जीत के बाद आगे के फैसले पर उन्होंने कहा, “आगे तो मुख्यमंत्री का चयन होगा। मुख्यमंत्री का चुनाव पार्टी में विधानमंडल दल के नेता तय करेंगे। अब कौन कहां कैसे बैठेगा, यह सब पार्टी तय करेगी।”

मुलायम ने कहा, “पार्टी 2017 के विधानसभा चुनाव में पूरे दम से उतरेगी। इस बार भी प्रचार में चुनावी रथ के साथ साइकिल व हेलीकॉप्टर, सब चलेगा। जो सवारी मिलेगी, उससे हम चलेंगे और पार्टी का प्रचार करेंगे।”

उन्होंने कहा, “जनता को हमारे परिवार पर विश्वास है। हमने तो पार्टी स्थापना के 11 महीने में सरकार बनाई। प्रदेश की जनता को समाजवादी पार्टी की विचारधारा में विश्वास है।”

मुलायम ने आगे कहा, “5 नवंबर को हम पार्टी की रजत जयंती बनाएंगे। हमने एक मामूली सी पार्टी को कहां से कहां पहुंचाया है। रक्षामंत्री के तौर पर मैंने जो किया, लोग आज भी याद करते हैं।”

उन्होंने कहा कि यह सपा का चमत्कार है। गायत्री प्रसाद प्रजापति मंत्री हैं, प्रजापति प्रभावशाली मंत्री और नेता हैं। पांच नवंबर को समाजवादी पार्टी का सम्मेलन होगा, इसका संयोजक प्रजापति को ही बनाया गया है।”

इस मौके पर मुलायम सिंह के साथ मंत्री शिवपाल यादव और प्रजापति भी मौजूद थे, लेकिन अखिलेश यादव नदारद थे। इसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि चाहे मुलायम सिंह कुछ भी कहें, लेकिन परिवार में दूरियां साफ नजर आ रही हैं।

कॉमन सिविल कोड मामले पर प्रतिक्रिया मांगे जाने पर मुलायम ने कहा, “इसको लेकर कोई विवाद नहीं है। इसको लेकर आगे भी कोई विवाद नहीं होना चाहिए। हमारे देश में गीता, रामायण, कुरान में इंसानियत का संदेश दिया गया है। संदेश है कि लड़ो मत, धार्मिक ग्रंथ पढ़ो। हमको इंसानियत का संदेश मानना होगा।”

उन्होंने कहा कि कॉमन सिविल कोड पर अभी कुछ नहीं कहेंगे। कॉमन सिविल कोड का लोहिया ने सबसे पहले प्रस्ताव रखा था।                    –आईएएनएस