छत्तीसगढ़ के महिला समूहों को मिला ऋण

रायपुर, 1 जनवरी।  छत्तीसगढ़ सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित छत्तीसगढ़ महिला कोष की ऋण योजना में पिछले करीब साढ़े बारह वर्षों में 28 हजार 324 महिला स्व-सहायता समूहों को व्यवसाय के लिए 51 करोड़ 94 लाख 80 हजार रूपए ऋण प्रदान किया गया। महिला समूहों को आसान शर्तों पर ऋण उपलब्ध कराने के लिए छत्तीसगढ़ में वर्ष 2003 से छत्तीसगढ़ महिला कोष की ऋण योजना संचालित है।

इस योजना में महिला समूहों को (सितम्बर 2013 से) केवल तीन प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज दर पर पहली बार में 50 हजार रूपए तक का ऋण दिया जाता है। इस ऋण राशि की वापसी के बाद दूसरी बार दो लाख रूपए तक ऋण प्रदान करने का प्रावधान है।

महिला समूहों से जुड़ी राज्य की महिलाएं महिला कोष की मदद से कोसा कृमि पालन, मुर्गीपालन, पशुपालन, मशरूम उत्पादन, लाख की खेती, बांस शिल्प, काष्ठशिल्प, फिनाइल, अगरबत्ती, दोना पत्तल निर्माण, अचार, मसाला, सिलाई-कढ़ाइर्, बड़ी, पापड़, दलिया, मुरब्बा और छत्तीसगढ़ी व्यंजनों के निर्माण सहित विभिन्न आमदनी मूलक गतिविधियों से जुड़ी हुई हैं।

महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि योजना के तहत वर्ष 2003-04 में 679 महिला समूहों को 33 लाख सात हजार रूपए, वर्ष 2004-05 में एक हजार 712 समूहों को 93 लाख तीन हजार, 2005-06 में दो हजार 203 समूहों को एक करोड़ 40 लाख 20 हजार रूपए, वर्ष 2006-07 में दो हजार 504 समूहों को दो करोड़ 35 लाख 26 हजार रूपए, वर्ष 2007-08 में तीन हजार 20 समूहों को तीन करोड़ 26 लाख 14 हजार रूपए ऋण प्रदान किए गए।

इसी तरह वर्ष 2008-09 में तीन हजार 362 समूहों को तीन करोड़ 97 लाख चार हजार रूपए, वर्ष 2009-10 में दो हजार 612 समूहों को पांच करोड़ 68 लाख 86 हजार रूपए, वर्ष 2010-11 में दो हजार 187 समूहों को पांच करोड़ 22 लाख 85 हजार रूपए, वर्ष 2011-12 में दो हजार 50 समूहों को पांच करोड़ 51 लाख दस हजार रूपए, वर्ष 2012-13 में दो हजार 899 समूहों को छह करोड़ 24 लाख रूपए, वर्ष 2013-14 में एक हजार 705 समूहों को चार करोड़ 87 लाख 25 हजार रूपए, वर्ष 2014-15 में दो हजार 454 महिला समूहों को आठ करोड़ 95 लाख 90 हजार रूपए और वर्ष 2015-16 में अक्टूबर तक की स्थिति  में 937 महिला समूहों को तीन करोड़ 20 लाख दस हजार रूपए ऋण प्रदान किए गए।

छत्तीसगढ़ महिला कोष की ऋण योजना में महिला समूहों को पहली बार दिए ऋण राशि की वसूली 24 किश्तों में तथा दूसरी बार दिए ऋण राशि की वसूली 36 किश्तों में प्रदान करने का प्रावधान है। ऋण की वसूली ऋण प्रदान करने के तीन माह बाद शुरू हो जाती है।