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डेढ़ लाख गांव खुले में शौच मुक्त गांव प्रमाणित

नई दिल्ली, 13 जुलाई (जनसमा)। खुले में शौच से मुक्त 2 लाख गांवों में से लगभग डेढ़ लाख गांवों को पिछले ही साल खुले में शौच से मुक्त गांव के रूप में प्रमाणित किया गया है।

यह जानकारी पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय ने बुधवार को एक स्पष्टीकरण में दी है।

स्वच्छ भारत मिशन की शुरूआत से अब तक ग्रामीण भारत में स्वच्छता की पहुंच 42 प्रतिशत से  बढ़कर 64 प्रतिशत तक हो गयी है। एनएसएसओ द्वारा मई-जून 2015 में कराये गये स्वच्छता की स्थिति पर एक सर्वे में कहा गया है कि जिन लोगों के पास शौचालय है उनमें से 95.6 प्रतिशत लोग उसका इस्तेमाल करते हैं।

मंत्रालय के अनुसार जब तक एक गांव के सभी घरों के सभी सदस्य शौचालय का इस्तेमाल नहीं करते तब तक उस गांव को खुले में शौच से मुक्त गांव घोषित नहीं किया जा सकता है।

एनएसएसओ ने स्वच्छ भारत मिशन की स्थिति का पता लगाने के लिए मई-जून 2015 में एक सर्वे कराया था। भारतीय गुणवत्ता परिषद अभी ऐसा ही एक सर्वेक्षण कर रहा है जिसमें 1 लाख घरों को शामिल किया गया है।

इसके अलावा मंत्रालय ने राष्ट्रीय स्तर पर निरीक्षक गठित किये हैं जो गंगा तट पर बसे गांवों पर खास ध्यान देते हुए खुले में शौच से मुक्त घोषित सभी जिलों को सत्यापित करते हैं। इन सभी उपायों के अलावा विश्व बैंक से कर्ज के हिस्से के रूप में एक स्वतंत्र जांच एजेंसी नियुक्त की गयी है।

सरकार ने अपने स्पष्टीकरण में यह भी बताया है कि खुले में शौच से मुक्त 2 लाख गांवों में से लगभग डेढ़ लाख गांवों को पिछले ही साल खुले में शौच से मुक्त गांव के रूप में प्रमाणित किया गया है। 1 लाख से अधिक गांवों को प्रमाणित किया जा चुका है। मंत्रालय बाकी गांवों को जल्द से जल्द प्रमाणित करने के लिए राज्यों पर विशेष जोर दे रही है।