अदालत ने राजीव गांधी का हवाला देकर 3 को सजा सुनाई

नई दिल्ली, 17 मई | दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को भ्रष्टाचार के मामले में केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) के दो अभियंताओं एवं एक ठेकेदार को दोषी करार दिया। अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का वह कथन भी दोहराया कि सरकारी सेवक के भ्रष्टाचार से सरकारी एजेंसियों की छवि खराब होती है और विकास बाधित होता है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष न्यायाधीश ब्रजेश कुमार गर्ग ने जिन्हें दोषी करार दिया, उनमें सीपीडब्ल्यूडी के तत्कालीन अभियंता फूल सिंह (78) और ए.आर. भाटी (55) के साथ ठेकेदार संजय कुमार मल्होत्रा (55) शामिल हैं।

अदालत ने कहा कि मौजूदा मामले में दोषियों के गैरकानूनी काम से विकास कार्य बाधित होने के अलावा सरकारी एजेंसी की छवि धूमिल हुई है। खासकर आम आदमी की नजर में सीपीडब्यूडी की।

भाटी को चार साल कठोर कारावास की सजा भुगतने के अलावा 35 हजार रुपये जुर्माना भी देना होगा। सिंह को एक साल कैद और 60 हजार जुर्माना और मल्होत्रा को चार साल कैद के अलावा 25 हजार जुर्माना भरना होगा।

वर्ष 1997 के इस मामले में इन सबों ने सांठगांठ करके वास्तव में 235.87 मीटर सीवेज पाइप को बदला था और उसकी जगह 760.62 मीटर माप कर भुगतान किया था।

–आईएएनएस