इतिहास के अनछुए पहलुओं को प्रकाश में लाने के लिए कुशीनगर में सम्मेलन इसी साल

कुशीनगर, 04 जनवरी। कुशीनगर में देश के शीर्ष 400 इतिहासकार भारतीय इतिहास के कई अनछुए पहलुओं को प्रकाश में लाने की कोशिश के तहत मंथन के लिए इसी साल 21-22 अक्टूबर को जुट रहे हैं। दो दिवसीय इस मंथन में राष्ट्रीय महत्व के उन ऐतिहासिक बिंदुओं को चिन्हित किया जाएगा, जिनको प्रकाश में लाने से रोका गया या तोड़ मरोड़कर पेश किया गया। मंथन की तैयारियों के लिए 27 जनवरी को कुशीनगर में पहली बैठक होगी।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की इतिहास संकलन समिति की गत दिनों मैसूर में हुए मंथन के दौरान अगला मंथन 21-22 अक्टूबर को कुशीनगर में करने पर सहमति बनी। संघ के रणनीतिकारों ने मंथन के निमित्त कुशीनगर का दौरा भी शुरू कर दिया  है। यूं तो 27 जनवरी होेने वाली तैयारी बैठक में मंथन का वृहद स्वरूप उभरकर सामने आएगा। पर माना जा रहा है कि कई सत्रों में चलने वाले इस मंथन में इतिहास लेखन की दिशा व सारगर्भिता पर भी विमर्श होगा।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने हाल में बुद्ध से जुड़ें कुछ नए पहलुओं व पुरावशेषों को प्रकाश में लाया है। समझा जा रहा है कि बुद्ध की निर्वाणस्थली पर बुद्ध से जुड़े पुरातन इतिहास, बुद्ध से जुड़े अनछुए पहलू व वर्तमान के नवीन तथ्य भी मंथन में चर्चा के विषय हो सकते हैं।

जाने माने इतिहासकार, बुद्ध अध्ययन के विशेषज्ञ व संघ की इतिहास संकलन समिति के राष्ट्रीय महामंत्री प्रो0 ईश्वरशरण विश्वकर्मा, क्षेत्रीय संगठन मंत्री डाॅ0 प्रदीप राव, शिक्षक सुमित त्रिपाठी समेत कई ने आयोजन की तैयारियों के निमित्त रविवार को चर्चा की।हि.स.)