नई दिल्ली, 04 फरवरी (जनसमा)। केन्द्र सरकार युवा पीढ़ी के मन में स्वतंत्रता सेनानियों की यादें ताजा करने तथा एनसीईआरटी के माध्यम से प्रत्येक कक्षा में ‘हमारे स्वतंत्रता सेनानी’ शीर्षक के साथ पाठ्य पुस्तक शुरू करने का विचार रखती है। इस मामले में गृह मंत्रालय युवा पीढ़ी के बीच स्वतंत्रता सेनानियों की यादों को बढ़ावा देने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय के साथ प्रस्ताव को चर्चा के लिए आगे बढ़ाएगी।
स्वतंत्रता सेनानियों के संबंध में आयोजित समिति की एक बैठक में यह विचार किया गया। केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री किरेन रिजीजू ने आज यहां प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानियों की समिति की तीसरी बैठक की अध्यक्षता की। बैठक के दौरान समिति ने स्वतंत्रता सेनानियों से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की।
समिति ने स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रितों (पोते-पोतियों) को प्राथमिक एवं उच्चतर शिक्षा में निशुल्क शिक्षा की अनुमति देने समेत विभिन्न मुद्दों पर विचार किया। फैसला किया गया कि गृह मंत्रालय इस मामले में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के साथ परामर्श करेगा और उसके साथ एक उपयुक्त निर्णय लिया जाएगा।
बैठक के दौरान समिति के एजेंडे में
सदस्यों ने पीपीओ के अनिवार्य हस्तांतरण को ट्रेजरी से बैंकों में करने तथा भारतीय स्टेट बैंक के अतिरिक्त अन्य राष्ट्रीयकृत बैंकों में पीपीओ के अंतरण के मुद्दों पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने पारिवारिक पेंशन के लिए स्वतंत्रता सेनानियों एवं उनके आश्रितों की जांच की वर्तमान में जारी प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा कर लेने का भी जिक्र किया।
सदस्यों ने स्वतंत्रता सेनानियों के लिए दिल्ली में ठहरने की सुविधा पर भी प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने गृह मंत्रालय से इस सुविधा को उनके आश्रितों को भी विस्तारित करने का आग्रह किया। समिति के सदस्यों ने यह भी आग्रह किया कि उन्हें पहचान पत्र जारी किये जाएं। मंत्री ने उन्हें भरोसा दिलाया कि गृह मंत्रालय उन्हें पहचान पत्र उपलब्ध करायेगा तथा मंत्रालय द्वारा दिल्ली में उनके ठहरने की सुविधा को विस्तारित करने के आग्रह पर गौर किया जाएगा।
स्वतंत्रता सेनानी पेंशन योजना (एफएफपीएस) आजादी के 25वें वर्ष (रजत जयंती वर्ष) के दौरान 15 अगस्त, 1972 को लागू की गई थी। 31 जुलाई, 1980 तक स्वतंत्रता सेनानी पेंशन केवल उन्हीं को दिये जाने की अनुमति दी, जिन्हें उनकी निम्न आय के कारण वित्तीय सहायता की आवश्यकता थी। एक स्वतंत्रता सेनानी को प्रति महीने 200 रूपये की न्यूनतम पेंशन की मंजूरी दी गई थी। स्वतंत्रता सैनिक सम्मान पेंशन योजना के तहत एक सांकेतिक सम्मान के रूप में 01 अगस्त, 1980 से सभी स्वतंत्रता सेनानियों को एफएफपीएस का लाभ विस्तारित कर दिया गया।
बैठक के दौरान यह जानकारी भी दी गई कि संयुक्त वर्ग के तहत 4 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था है, जिसमें शारीरिक रूप से निःशक्त वर्ग, आसाधारण खेल व्यक्तित्व एवं स्वतंत्रता सेनानी शामिल हैं। समिति ने वित्त मंत्रालय के परामर्श से स्वतंत्रता सेनानियों की अविवाहित पुत्रियों के लिए पेंशन में वृद्धि करने की संभावना पर भी विचार-विमर्श किया।
स्वतंत्रता सेनानियों को उनके मंजूरी प्राप्त कोटा के तहत पेट्रोल पंपों एवं गैस एजेंसियों के आवंटन के मुद्दे की भी जांच की गई।
यह फैसला किया गया कि इस मुद्दे को पेट्रोलियम मंत्रालय के साथ उठाया जाएगा, जिससे कि यह सुनिश्चित किया जा सके कि स्वतंत्रता सेनानी अपने कोटे का उचित तरीके से उपयोग कर सकें। सीजीएचएस अधिकार क्षेत्र के अतिरिक्त अधिकृत चिकित्सा सहायकों (एएमए) को चिकित्सा सुविधाओं को विस्तारित करने के मुद्दे पर भी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के परामर्श के साथ विचार किया गया।
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