केरल में हर पांच साल पर सरकार बदलने से नुकसान

नई दिल्ली, 1 मई | केरल में हर पांच साल पर सरकार बदलने से नुकसान हुआ है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के. वी. थॉमस ने यह कहते हुए विश्वास जताया कि उनकी पार्टी राज्य की सत्ता पर बरकरार रहकर इतिहास रचेगी।

थॉमस ने इस पर भी जोर दिया कि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और वामपंथी दलों के गठबंधन का केरल विधानसभा के 16 मई को होने वाले चुनाव पर कोई असर नहीं पड़ेगा। केरल में दोनों दलों के बीच सीधी टक्कर है।

थामस ने आईएएनएस से एक साक्षात्कार में कहा, “मैं पूरी तरह से आश्वस्त हूं कि कांग्रेस और संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) गठबंधन सत्ता में लौटेगा।”

उन्होंने कहा कि केरल की जनता यह महसूस करने लगी है कि हर पांच साल पर सरकार बदलने से विकास को नुकसान हुआ है। जनता को यह अब लग गया है कि केरल जैसे राज्य में एक ही सरकार को बनाए रखने की जरूरत है। इसलिए हमें कांग्रेसी के रूप में इस साल सुखद आश्चर्य मिलने की बहुत संभावना है।

उन्होंने कहा कि केरल और पश्चिम बंगाल की राजनीति अलग है।

उन्होंने कहा, “केरल में वामपंथी एवं कांग्रेस एक दूसरे के प्रबल विरोधी हैं। लेकिन, बंगाल में हमें एक साथ होना था क्योंकि हमें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अत्याचार के खिलाफ लड़ने की जरूरत थी।”

केरल में स्थिति का विश्लेषण करते हुए उन्होंने कहा कि हर जिले और गांव से संपर्क रखने वाला मुख्यमंत्री जनसंपर्क कार्यक्रम जैसा कार्यक्रम, अन्य विकासात्मक कार्य, कोच्चि मेट्रो और विजहिजम बंदरगाह जैसी बड़ी परियोजनाओं से कांग्रेस और यूडीएफ को मदद मिलेगी।

राज्य सरकार ने अडानी समूह के साथ 7 हजार 525 करोड़ रुपये में बंदरगाह बनाने के करार पर हस्ताक्षर किया है।

केरल के उत्पाद एवं पर्यटन मंत्री रह चुके थॉमस ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने कन्नूर हवाईअड्डे का भी उद्घाटन किया है। सरकार खाड़ी के देशों के लिए कम किराए वाली एयरलाइन पर भी विचार कर रही है।

केरल के मतदाता पिछली सदी के आठवें दशक से ही हर चुनाव में सरकार बदलते रहे हैं।