गैंगस्टर की भूमिका में मुझे हमेशा बहुत मजा आता है : विवेक ओबेरॉय

दुर्गा चक्रवर्ती===

उन्होंने फिल्मी पर्दे पर गैंगस्टर, अपराधी और अंडरवर्ल्ड डॉन की भूमिका निभाई है। अब वह रामगोपाल वर्मा की ‘राय’ में पूर्व अंडरवर्ल्ड डॉन मुथप्पा राय की भूमिका की तैयारी में जुटे हैं। यह हैं अभिनेता विवेक ओबेरॉय, जिनका कहना है कि ऐसी भूमिकाओं में उन्हें सर्वाधिक मजा आता है।

हालांकि, अपनी नकारात्मक भूमिकाओं के लिए तरीफें बटोरने वाले इस अभिनेता ने बताया कि ऐसी भूमिकाएं उन्होंने सोच समझकर नहीं चुनीं।

विवेक ने आईएएनएस से एक खास मुलाकात में यह बातें कहीं। यह पूछने पर कि इन भूमिकाओं में ऐसा क्या होता है जो उन्हें पसंद आता है, विवेक ने कहा, “गैंगस्टर की भूमिका निभाने में मुझे हमेशा मजा आता है। इससे जो उत्तेजना मुझे मिलती है, वह अवर्णनीय है।”

उनके चरित्रों के बारे में बात करें तो ‘कंपनी’ (2002) का चंदू, ‘शूटआउट एट लोखंडवाला’ का माया डोलस (2007) और ‘रक्तचरित्र’ (2010) का प्रताप राय काफी पसंद किए गए। 39 वर्षीय अभिनेता का इस बारे में कहना है कि ‘इन सभी चरित्रों की कई परतें थी।’

विवेक को इसके अलावा विभिन्न किस्म की भूमिकाएं निभाना भी काफी पसंद है। कभी वह ‘साथिया’ जैसी फिल्म में लवरब्यॉय बन जाते हैं तो कभी ‘मस्ती’ जैसी फिल्म में हास्य भूमिका निभाते हैं। लेकिन, उनका कहना है कि उन्हें सबसे ज्यादा प्रशंसा नकारात्मक भूमिकाओं में मिलती है।

अनुभवी अभिनेता सुरेश ओबेरॉय के बेटे विवेक ओबेरॉय कहना है, “मैंने तीन ब्लॉकबस्टर फिल्मों में गैगस्टर की भूमिका निभाई और मेरे प्रशंसक मुझे इन भूमिकाओं में देखना काफी पसंद करते हैं। मेरे लिए यही सबसे बड़ी बात है।”

विवेक का फिल्मी कैरियर 15 साल पहले शुरु हुआ था और उन्होंने ‘साथिया’, ‘कृष्णा’, ‘मस्ती’, ‘मिशन इस्तांबुल’, ‘युवा’, ‘ओंकारा’ जैसी फिल्मों में रोमांटिक से लेकर नकारात्मक भूमिकाएं और एक्शन से लेकर कॉमेडी तक की भूमिकाएं निभाईं हैं।

विवेक पिछली बार फिल्मी पर्दे पर 2013 में ‘कृष 3’ में रितिक रोशन, प्रियंका चोपड़ा और कंगना रनौत के साथ पर्दे पर देखे गए थे।

वह किस तरह अपनी नई फिल्म ‘राय’ की भूमिका की तैयारी कर रहे हैं? इस सवाल पर विवेक ने बताया, “इस रोल के लिए मैं अपने लुक के अलावा शारीरिक बनावट और चरित्र के मैनरिज्म की तैयारियों में जुटा हूं। मैंने उन लोगों से भी मुलाकात की है जो मुथप्पा राय को नजदीक से जानते हैं। इस फिल्म के लिए काफी होमवर्क करना पड़ रहा है।”

रामगोपाल वर्मा की फिल्में ज्यादा नकारात्मक चरित्रों पर ही आधारित होती हैं, विवेक इनमें से कई का हिस्सा रहे हैं।

क्या वह सोचते हैं कि बॉलीवुड में नकारात्मक भूमिकाओं के बारे में जो धारण बनी हुई है, उसमें बदलाव लाने की जरूरत है? इस पर उन्होंने कहा, “बिल्कुल, ऐसा होना चाहिए। मैं समझता हूं कि हम इसी रास्ते पर हैं। ‘कृष 3’ में मेरे द्वारा निभाई गई काल की भूमिका को बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली थी।”