गोद लेने वालों की पसंद बन रहीं बेटियां

पटना, 26 मई | एक ओर जहां बिहार में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की संख्या कम है, लेकिन बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग की दत्तक ग्रहण संसाधन केंद्र (एडॉप्शन एजेंसी) से नि:संतान दंपति द्वारा गोद लिए गए बच्चों में बेटियों की संख्या अधिक है।

आमतौर पर देखा जाता है कि ठुकराए गए बच्चों में बच्चियों की संख्या अधिक होती है, लेकिन एडॉप्शन एजेंसी के आंकड़े बताते हैं कि उन बच्चियों को अपनाने वालों की संख्या भी कम नहीं है।

गौरतलब है कि इन ठुकराई गई बच्चियों को अपनाने वाले न केवल बिहार या देश के हैं, बल्कि यहां के दत्तक ग्रहण संसाधन केंद्र से बच्चियों को विदेशों में रहने वाले दंपति भी गोद ले रहे हैं।

आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2015-16 में दत्तक ग्रहण संसाधन केंद्र से कुल 100 बच्चों को गोद लिया गया है, इनमें 73 बेटियां शामिल हैं।

समाज कल्याण विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि दत्तक ग्रहण संसाधन केंद्र के जरिए कोई भी नि:संतान दंपति बच्चों को गोद ले सकते हैं। हालांकि इससे पहले कानूनी प्रक्रिया पूरी की जाती है।

आंकड़ों के अनुसार, दत्तक ग्रहण संसाधन केंद्रों से वर्ष 2012 से अब तक कुल 233 बच्चों को गोद लिया गया है, इसमें 163 बेटियां और 70 बेटे शामिल हैं।

बिहार के 10 जिलों- पटना, नालंदा, भागलपुर, सारण, दरभंगा, सहरसा, गया, मुंगेर, पूर्णिया और मुजफ्फरपुर में दत्तक ग्रहण संस्थान खोले गए हैं। इन एजेंसियों का संचालन अलग-अलग संस्थाओं द्वारा किया जा रहा है। इन संस्थानों में शून्य से चार, चार से आठ और आठ से 18 आयु वर्ग के बच्चों को रखा जाता है।

केंद्र में रह रहे बच्चों के खाने-पीने का खर्च राज्य सरकार वहन करती है।

दत्तक ग्रहण एजेंसी नालंदा मदर टेरेसा अनाथ सेवा आश्रम की निदेशक बबीता ने आईएएनएस को बताया कि वर्ष 2015-16 में यहां से कुल 26 बच्चों में से 20 लड़कियों को गोद लिया गया। इनमें से पांच बच्चियां विदेश गई हैं।

उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में केंद्र में 18 बच्चे हैं, जिनमें से आठ बच्चे अगले दो महीने में विभिन्न क्षेत्रों में रहने वाले दंपति द्वारा अपनाए जाएंगे। इसमें से दो बच्चियों को विदेश में रहने वाले दंपति अपने साथ ले जाएंगे। इसके लिए कानूनी प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।

बबीता ने बताया, “ऐसे केंद्रों में लड़कियों की संख्या ज्यादा होती है, जो भी दंपति आते हैं, वे बेटियों को गोद लेना चाहते हैं।”

इधर, भागलपुर के रामानंदी देवी हिंदू अनाथालय, नाथनगर एजेंसी के निदेशक दिवाकर चौधरी ने बताया कि इस समय कुल 18 बच्चे हैं। इस केंद्र से पिछले वर्ष 14 लड़कियां व चार लड़कों को गोद लिया गया।– मनोज पाठक