छत्तीसगढ़ की संजीवनी एक्सप्रेस, जैसा नाम, वैसा काम

रायपुर, 18 अप्रैल। संजीवनी एक्सप्रेस अपने नाम के अनुरूप ही मरीजों के लिए संजीवनी का काम कर रही है। योजना के तहत अब तक साढ़े दस लाख से अधिक मरीजों को समय पर अस्पताल पहुंचाया गया। इनमें 2 लाख 35 हजार गर्भवती माताएं भी शामिल हैं, जिन्हें सही समय पर अस्पताल पहुंचा कर उनका इलाज किया गया।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने मरीजों, घायलों और अन्य चिकित्सकीय आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए 25 जनवरी 2011 को इस नि:शुल्क 108 संजीवनी (एम्बुलेंस) सेवा की शुरुआत की थी। स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर ने बताया कि संजीवनी एक्सप्रेस 108 सेवा के लिए कॉल सेंटर में मार्च 2016 तक इमरजेंसी के लगभग 20 लाख कॉल रिसीव किए गए।

टोल फ्री नंबर 108 पर डायल करने से ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतम 30 मिनट और शहरी क्षेत्रों में 20 से 22 मिनट के भीतर अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरणों से सुसज्जित एम्बुलेंस मरीज तक पहुंच जाती है, जो घायलों और गंभीर मरीजों के लिए संजीवनी साबित हो रही है। चंद्राकर ने बताया कि 108 संजीवनी एम्बुलेंस सेवा स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में महत्वपूर्ण हो गई है।

प्रदेश के सभी 27 जिलों में कुल 2 सौ 40 एम्बुलेंस संचालित हैं। एम्बुलेंस में पैरामेडिकल स्टॉफ सहित अन्य जरूरी सुविधाएं उपलब्ध रहती है।

(आईएएनएस/वीएनएस)