छत्तीसगढ़ को नक्सल हिंसा और आतंक से जल्द मुक्ति मिलेगी : रमन

रायपुर, 06 मई (जनसमा)। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के आवापल्ली-उसूर मार्ग पर अगस्त 2011 में सर्चिंग के दौरान नक्सलियों के हमले का मुकाबला करते हुए शहीद हुए छत्तीसगढ़ सशस्त्र पुलिस बल की सातवीं बटालियन के जवान रामकुमार कश्यप की प्रतिमा का अनावरण उनके गृह ग्राम महंत (विकासखंड नवागढ) जिला जांजगीर-चाम्पा में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने किया।

शुक्रवार दोपहर शहीद जवान रामकुमार कश्यप की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद लोक सुराज सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि छत्तीसगढ़ को और विशेष रूप से राज्य के बस्तर अंचल को नक्सल हिंसा और आतंक से मुक्त करने के अभियान में सुरक्षा बलों के जवान बहादुरी से अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं। समय-समय पर कई जवानों ने कर्तव्य निर्वहन करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी है। डॉ. सिंह ने कहा कि रामकुमार कश्यप जैसे हमारे बहादुर जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। छत्तीसगढ़ को नक्सल हिंसा और आतंक से जल्द मुक्ति मिलेगी।

ज्ञातव्य है कि स्वर्गीय रामकुमार कश्यप नक्सलियों के हमले का मुकाबला करते हुए घायल हो गए थे। उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां 02 अगस्त 2011 को उनका निधन हो गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि रामकुमार की शहादत को पूरा देश और छत्तीसगढ़ प्रदेश सलाम करता है। मुझे उनकी प्रतिमा के अनावरण के पुण्य कार्य में आने का अवसर मिला। डॉ. सिंह ने कहा कि बस्तर अंचल में राज्य और केन्द्रीय सुरक्षा बलों के जवान बड़ी बहादुरी से काम कर रहे हैं। मैने स्वयं लोक सुराज अभियान के दौरे में पिछले हफ्ते में उस इलाके में जाकर उनकी हिम्मत को देखा है।

डॉ. रमन सिंह ने ग्राम महंत के हाईस्कूल का नामकरण शहीद रामकुमार कश्यप के नाम करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि अगले सत्र से इस हाईस्कूल का उन्नयन हायरसेकेण्डरी में किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा-नक्सलवाद लोकतंत्र के लिए घातक है। इस गंभीर चुनौती से निपटने के लिए राज्य और केन्द्र दोनों मिलकर सुरक्षा और विकास के मोर्चे पर परस्पर समन्वय से काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर स्वर्गीय रामकुमार कश्यप के पिता भूषण कश्यप को मंच पर सम्मानित किया और उनके प्रति तथा उनके परिवारजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की।