छद्म युद्ध एक बड़ी चुनौती : राजनाथ सिंह

नई दिल्ली, 20 मई| मौजूदा समय में छद्म युद्ध एक बड़ी चुनौती है और सरकार सीमाओं की सुरक्षा के लिए प्रभावी कदम उठा रही है। सीमाओं पर मवेशियों की तस्करी में संबंधित राज्य सरकारों और सुरक्षा बलों के साथ सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की सहायता से काफी कमी आई है।

यह जानकारी  केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को 14 वें बीएसएफ अलंकरण समारोह में दी।

इस अवसर पर 6 बीएसएफ जवानों को वीरता के लिए पुलिस पदक और 13 बीएसएफ अधिकारियों और जवानों को सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदकों से अलंकृत किया गया।

“मौजूदा सुरक्षा परिदृश्य में सीमा प्रबंधन की चुनौतियां” पर भाषण देते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) हमारी रक्षा के लिए अग्रणीय प्रहरी है। सीमा पर कई प्रकार के बल तैनात हैं, इनके अधिकारी प्रभावी सीमा प्रबंधन के लिए विभिन्न चुनौतियों का सामना आपसी तालमेल के माध्यम से करते हैं।

उन्होंने स्वर्गीय के. एफ. रूस्तमजी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। अलंकरण समारोह के दौरान, एक पत्रिका प्रहरी संगिनी का विमोचन किया गया और बीएसएफ पर लघु वृत्तचित्र बीएसएफ भारत की रक्षा की पहली पंक्ति दिखाई गई।

इससे पहले, सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक के. के. शर्मा स्वागत भाषण दिया। उन्होंने बीएसएफ की स्थापना से लेकर आज तक की यात्रा का स्मरण किया और बताया कि बीएसएफ ने वर्षों से कई चुनौतियों और संकटों का सफलतापूर्वक सामना किया है।