Those who were treated unfairly for 70 years will get rights and justice.

जिन के साथ 70 सालों से अन्याय हुआ, उन्हें अधिकार और न्याय मिलेगा

नई दिल्ली, 6 दिसंबर। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि 70 सालों से जिन लोगों के साथ अन्याय हुआ, जो अपमानित हुए और जिनकी अनदेखी हुई, ये विधेयक उन्हें अधिकार और न्याय दिलाने वाले हैं। जो लोग इन्हें वोट बैंक के रूप में उपयोग कर, अच्छे भाषण देकर राजनीति में वोट हासिल करने का ज़रिया समझते हैं वे इसके नाम के बारे में नहीं समझ सकते।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी एक ऐसे नेता हैं जो स्वयं गरीब घर में जन्म लेकर आज देश के प्रधानमंत्री बने हैं औऱ वे पिछड़ों औऱ गरीबों का दर्द जानते हैं। जब ऐसे लोगों को आगे बढ़ाने की बात होती है, तब मदद से ज़्यादा सम्मान के मायने होते हैं।
शाह ने आज लोक सभा (Lok Sabha) में जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 (Jammu and Kashmir Reservation (Amendment) Bill, 2023) और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023 ( Jammu and Kashmir Reorganisation (Amendment) Bill, 2023) पर चर्चा का जवाब दिया।चर्चा के बाद लोक सभा ने जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 तथा जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023 को ध्वनि मत से पारित कर दिया।
जम्‍मू-कश्‍मीर पुनर्गठन-संशोधन विधेयक-2023, जम्‍मू-कश्‍मीर पुर्नगठन विधेयक-2019 में संशोधन के बारे में है। इस विधेयक में जम्‍मू-कश्‍मीर विधानसभा में कुल 83 सीटों को निर्दिष्‍ट करने वाले 1950 के अधिनियम की दूसरी अनुसूची में संशोधन किया गया था।
प्रस्‍तावित विधेयक में सीटों की कुल संख्‍या बढाकर 90 करने का प्रावधान है। इसमें अनुसूचित जातियों के लिए 7 और अनुसूचित जनजातियों के लिए 9 सीटों का प्रस्‍ताव किया गया है।
विधेयक में यह भी कहा गया है कि उपराज्‍यपाल विधानसभा में कश्‍मीरी विस्‍थापितों में से दो सदस्‍यों को नामांकित कर सकते हैं। इनमें एक सदस्‍य महिला होनी चाहिए। विस्‍थापितों को ऐसे व्‍यक्तियों के रूप में परिभाषित किया गया है जो पहली नवम्‍बर 1989 के बाद कश्‍मीर घाटी या जम्‍मू-कश्‍मीर के किसी अन्‍य भाग से विस्‍थापित हुए हों और राहत आयुक्‍त के साथ पंजीकृत हों।
शाह ने कहा कि पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू (Nehru) जी की गलती का खामियाजा वर्षों तक कश्मीर और देश को उठाना पड़ा। पहली गलती थी, जब हमारी सेना जीत रही थी, तब पंजाब तक आते ही सीज़फायर कर दिया गया और पाक-अधिकृत कश्मीर का जन्म हुआ, अगर सीज़फायर 3 दिन देर से होता तो पाक-अधिकृत कश्मीर आज भारत का हिस्सा होता।
उन्होंने कहा नेहरु जी की दूसरी बड़ी गलती थी जब वे कश्मीर मसले को संयुक्त राष्ट्र में ले गए।
अमित शाह ने कहा कि जम्मू और कश्मीर में 45 हज़ार लोगों की मृत्यु की ज़िम्मेदार धारा 370 थी, जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने उखाड़ कर फेंक दिया। धारा 370 के हटने से अलगाववाद समाप्त हुआ है और आतंकवाद में बहुत कमी आई है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि कश्मीर के विस्थापितों को अपने ही देश के अन्य हिस्सों में शरणार्थी बनकर रहना पड़ा, लगभग 46,631 परिवारों के 1,57,967 लोग विस्थापित हुए। 1947 में 31,779 परिवार पाक-अधिकृत कश्मीर से जम्मू और कश्मीर में विस्थापित हुए, 1965 और 1971 में हुए युद्धों के बाद 10,065 परिवार विस्थापित हुए। अगर किसी व्यक्ति ने कश्मीर से पलायन करने वाले लोगों के आंसू पोंछे तो वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी हैं।
गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के भाषण के प्रमुख बिंदु हैं :
– इन विधेयकों के ज़रिए इतिहास में लोक सभा के इस प्रयास को हर प्रताड़ित, पिछड़ा और विस्थापित कश्मीरी याद रखेगा कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने 70 सालों से भटकने वाले अपने ही देश के भाई-बहनों को न्याय दिलाने के लिए 2 सीटों का आरक्षण दिया।
– यह एक ऐतिहासिक सत्य है कि विपक्षी पार्टी ने पिछड़ा वर्ग का सबसे बड़ा विरोध किया, मोदी जी ने उन्हें सम्मान और अधिकार दिया।
– गृह मंत्रालय ने एक ज़ीरो टेरर प्लान और कम्प्लीट एरिया डॉमिनेशन प्लान बनाया है, पहले सिर्फ आतंकवादियों को मारा जाता था, लेकिन अब हमने इसके पूरे इकोसिस्टम को खत्म कर दिया है।