झारखण्ड के स्वतंत्रता सेनानियों के समाधि स्थल बनेंगे पर्यटन केन्द्र

रांची, 18 अप्रैल (जनसमा)। झारखण्ड सरकार अगले कुछ वर्षों में झारखण्ड के सभी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के समाधि स्थलों को पर्यटन केन्द्रों के रूप में विकसित करेगी। यह जानकारी झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने रविवार को सिमडेगा के बानों प्रखण्ड के नवागांव में अमर शहीद वीर बख्तर साय एवं मुण्डल सिंह की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद ग्रामीणों को संबोधित करते हुए दी। उन्होंने कहा कि इसी के क्रम में बिरसा मुण्डा केन्द्रीय कारावास को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है।

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रघुवर दास ने कहा कि भारत में सर्वप्रथम क्रांति का बिगुल 1857 में फूंका गया इसी दौरान गुमला के क्षेत्र में भी वीर सेेनानी बख्तर साय एवं मुण्डल सिंह ने अंग्रेजोें से लोहा लिया। उन्होंने कहा कि हमें अपने पुरखों के सामाजिक मूल्य एवं परम्परा को याद कर उन्हें संजोने की जरूरत है। इससे आत्माविश्वास पैदा होता है। जो हमारे जीवन के हर पथ पर चलने के लिए प्रेरणा के स्रोत बनते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास के लिए सुरक्षा आवश्यक है। दोनों तत्त्व एक दूसरे के पूरक हैं। जहां सुरक्षा है वहीं विकास हो सकता है। समाज से भटके हुए लोगों को उन्होेने मुख्य धारा से जुड़ने का भी आह्वान किया। उन्हें विकास के लिए समाज के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने का आग्रह किया। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि यदि समाज के ताने बाने या विधान को तोड़ने का प्रयास करते हैं तथा कानूनी प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न करते हैं तो सरकार उनके साथ सख्ती से पेश आयेगी। लेवी मांगने वालों पर सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी।