सीमाओं पर स्थिति

देश की उत्तरी सीमाओं पर स्थिति स्थिर लेकिन अप्रत्याशित

देश की उत्तरी सीमाओं पर स्थिति स्थिर लेकिन अप्रत्याशित है। हमारे पास किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त भंडार है और देश की सैन्य तैयारी उच्च-स्तर की है।

सेना दिवस से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए सेना प्रमुख मनोज पांडे ने 12 जनवरी, 2023 को नई दिल्ली में कहा “हम टेबल पर मौजूद सात मुद्दों में से पांच को हल करने में सक्षम हैं। हम सैन्य और राजनयिक दोनों स्तरों पर बात करना जारी रखते हैं। हमारे पास किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त भंडार है।”

सेना दिवस हर साल 15 जनवरी को मनाया जाता है।

सीमाओं पर स्थिति के बारे में उन्होंने यह भी कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तैनात सैनिक विरोधी के किसी भी नापाक मंसूबे को दृढ़ता से मुकाबला करने और हराने के लिए सक्षम हैं।

पूर्वोत्तर के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि ज्यादातर राज्यों में शांति लौट आई है. उन्होंने कहा, “आर्थिक गतिविधियों और विकास की पहलों के अच्छे परिणाम मिले हैं। यह सेना दिवस विशेष है क्योंकि यह स्वतंत्रता का 75वां वर्ष भी है।”

डोकलाम की स्थिति पर जनरल पांडे ने कहा कि भारत स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए है और वहां सभी गतिविधियों की निगरानी कर रहा है।

उन्होंने कहा, “जहां तक जम्मू-कश्मीर की स्थिति का संबंध है, फरवरी 2021 में हुई संघर्ष विराम की समझ अच्छी तरह से चल रही है, लेकिन आतंकवाद और आतंकी ढांचे को सीमा पार से समर्थन अभी भी बना हुआ है।”

जनरल पांडे ने कहा कि महिला अधिकारियों को जल्द ही भारतीय सेना की कोर ऑफ आर्टिलरी में कमीशन दिया जा सकता है, क्योंकि इस आशय का एक प्रस्ताव सरकार की सहमति के लिए भेजा गया है।

सेना में असॉल्ट राइफल ए के 203 को शामिल करने पर जनरल पांडे ने कहा कि इनके लिए आवश्यक उपकरण इस साल मार्च तक मिल जाने की उम्मीद है। 

जनरल पांडे ने कहा कि महिला अधिकारियों को जल्द ही भारतीय सेना की कोर ऑफ आर्टिलरी में कमीशन दिया जा सकता है, क्योंकि इस आशय का एक प्रस्ताव सरकार की सहमति के लिए भेजा गया है। उन्होंने कहा, “हमारे पास आर्मी मार्शल आर्ट्स रूटीन भी है जो युद्ध की स्थितियों से निपटने में मदद करेगा।

जोशीमठ में भूस्खलन की घटना से वहां सैन्‍य ठिकानों के प्रभावित होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जोशीमठ में सेना की लगभग 25 से 28 इमारतें प्रभावित हुई हैं। कुछ सैनिकों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया है। उन्होंने इस बात से इनकार किया कि जोशीमठ की स्थिति सैन्‍य परिचालन तैयारियों और अग्रिम क्षेत्रों में सैनिकों की तैनाती को प्रभावित करेगी।