नक्सली पैठ रोकने हो रही सामाजिक पुलिसिंग

जगदलपुर, 5 जनवरी ।  बस्तर के नक्सली इलाकों में नक्सलियों की बढ़ती पैठ को रोकने के लिए अब पुलिस सिविक एक्शन पर विशेष जोर दे रही है। बस्तर के कई गावों में पुलिस लोगों के साथ खेती कर रही है, गांव वालों की सुरक्षा के लिए चौकी और कैंप भी खोले जा रहे हैं। गांव को उनकी जरूरतों की वस्तुएं बांटी जा रही हैं। इसके अलावा गांव के बच्चों के लिए शिक्षा का रास्ता बनाया जा रहा है। आईजी, एसपी से लेकर थानेदार स्तर तक के अफसर गांव-गांव घूम रहे हैं। आए दिन किसी न किसी नक्सली गांव में05012016 Police in Naxal area एक सिविक एक्शन प्रोग्राम किया जा रहा है।

नक्सलियों के गढ़ झीरम, चिंतलनार, बीसपुर में भी पुलिस, सीआरपीएफ और जिला प्रशासन ने संयुक्त रूप से सिविक एक्शन प्रोग्राम चलाया। यहां गांव वालों से रूबरू होकर उनकी समस्या जानी गई। इस दौरान गांव में हैंडपप, सडक़ों का निर्माण करवाया गया। इसके बाद यहां लोगों को सुरक्षा देने के लिए कैंप की स्थापना भी करवाई गई।

पुलिस लगातार नक्सल प्रभावित गांवों में कैम्प कर रही है। इस दौरान गांव वालों के साथ बाकायदा नाच गाना होता है। बीमारों के लिए दवाओं का इंतजाम भी किया जाता है। गांव वालों के साथ मिलकर उन्हें यह बताने की कोशिश की जा रही है कि वे उनकी मदद व सुरक्षा के लिए हैं।  पुलिस लोगों की मदद के लिए है। हर जरूरतमंद इंसान की सहायता करने के लिए पुलिस तत्पर है।

बस्तर आईजी एसआरपी कल्लूरी एवं एसपी आरएन दास कहतेे हैं कि  गांव वालों की फोर्स से दूरी ने ही नक्सलवाद को पनपने का मौका दिया है। गांवों में नक्सली पुलिस का एक ही चेहरा दिखा रहे हैं। ऐसे में पुलिस भी अब फोर्स के उस पहलू को ग्रामीणों को दिखा रही है, जो अभी तक उनके लिए अनदेखा है, जिसमें मानवीयता, सद्भावना एवं भाईचारे की मिसाल मौजूद है।(हि.स.)