वीरभद्र ने सोलन में किया खुशवन्त सिंह नेचर ट्रेक का शुभारम्भ

शिमला, 14 अक्टूबर (जस)। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने शुक्रवार को सोलन जिले के कसौली में आयोजित खुशवन्त सिंह के पांचवे वार्षिक साहित्यिक उत्सव की अध्यक्षता करते हुए कहा कि श्री खुशवन्त सिंह एक सज्जन पुरूष, प्रख्यात पत्रकार, साहित्यकार, अनुभवी सांसद तथा वृहद ज्ञान के भण्डार के अलावा खुशनुमा व मजाकिया स्वभाव के व्यक्ति थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस उत्सव का हिस्सा बनना उनके लिए गौरव के पल हैं। उन्होंने कहा कि श्री खुशवन्त सिंह ने जुनून एवं कड़ी मेहनत के साथ भारतीय विधिक प्रणाली एवं साहित्य  में सेवाएं दीं।

उन्होंने कहा कि वह श्री खुशवन्त सिंह के स्तम्भ (कॉलम) के नियमित पाठक रहे हैं और उनकी कुछ पुस्तकों से वह काफी प्रेरित भी हुए हैं। उन्होंने कहा कि ‘ट्रेन-टू-पाकिस्तान’, ‘दिल्लीः एक उपन्यास’, ‘द कम्पनी ऑफ वुमेन’, ‘टरूथ’, लव एण्ड ए लिटल मैलाईस’ जैसी उनकी पुस्तकों ने पाठकों के दिलों में अमिट छाप छोड़ी है।

वीरभद्र सिंह ने कहा कि कसौली बाजार से नीचे कालका के मैदानी भाग तक 18 लाख रुपये की लागत से विकसित होने वाले 9 किलोमीटर लम्बे ‘खुशवन्त सिंह ट्रेल’ एक प्राकृतिक ट्रेक का शुभारम्भ करते हुए उन्हें सुखद अनुभूति हो रही है। श्री खुशवन्त सिंह इस ट्रेक पर नियमित भ्रमण करते थे। उन्होंने कहा कि श्री खुशवन्त सिंह जी के नाम पर पांचवे साहित्यिक उत्सव का शीर्षक ‘ब्रेकिंग बैरियर्स’ शायद लड़कियों की शिक्षा तथा पारिस्थितिकी संरक्षण, जिससे श्री खुशवन्त सिंह का नजदीकी लगाव था, के उद्देश्य को समर्पित है। उन्होंने कहा कि उत्सव महान भारतीय सिपाहियों को भी समर्पित है और श्री खुशवन्त सिंह का सेना के प्रति भी गहरा प्रेम था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कसौली श्री खुशवन्त सिंह के हृदय के बिल्कुल करीब था, क्योंकि यहां पर उनका घर है और वह गर्मियों के दौरान अक्सर यहां आते थे और अपने विचारों को कलमबद्ध करते थे।

श्री खुशवन्त सिंह ने कसौली में बहुत से लेख लिखें तथा उनका प्रकृति के प्रति प्रेम, उर्दू कविता, लड़कियों की शिक्षा के लिए उनकी संवेदना, भारतीय सिपाहियों का गौरव, उनका असम्मान एवं हास्य जैसे जुनून भी इसी पर्वतीय वातावरण में फले-फूलें।

वर्ष 2012 में जब प्रतिष्ठित लेखक जीवित थे, में आरम्भ हुआ यह उत्सव एकमात्र उत्सव है जो किसी व्यक्ति विशेष के नाम पर है, साथ ही हिमाचल प्रदेश में आयोजित किया जाने वाला एकमात्र साहित्यिक उत्सव है।