पश्चिम बंगाल चुनाव : 68 फीसदी मतदान, 1 की मौत

कोलकाता, 21 अप्रैल | पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में गुरुवार को हुई हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई तथा कई अन्य घायल हो गए। वहीं, अधिकारियों ने 67 फीसदी से ज्यादा मतदान होने की जानकारी दी है। हालांकि शाम 6 बजे मतदान समाप्त होने के समय के बाद भी कई बूथों पर मतदाताओं की लंबी कतारें देखी गईं।

इस दौरान मुर्शिदाबाद जिले में देसी बम हमले में मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के एक कार्यकर्ता की मौत हो गई और कई घायल हो गए।

चुनाव आयोग को अब तक हिंसा और गड़बड़ियों की 1,500 शिकायतें मिली हैं। महानगर क्षेत्र में अभी तक 47 लोगों को गड़बड़ी फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

राज्य में मुर्शिदाबाद की 22, नादिया की 17, बर्दवान की 16 और उत्तरी कोलकाता की सात सीटों पर मतदान हो रहा है। बर्दवान में दूसरे और अंतिम चरण का मतदान चल रहा है।

निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने बताया, “6 बजे तक कुल 67.55 फीसदी से ज्यादा मतदान दर्ज किया गया है। मुर्शिदाबाद में 70.32 फीसदी, नादिया में 68.62 फीसदी, बर्दवान में 70.55 फीसदी और कोलकाता में 49.43 फीसदी मतदान दर्ज किया गया।”

मुर्शिदाबाद, नादिया और बर्दवान में कई जगहों पर हिंसा की घटनाएं देखी गई। मुर्शिदाबाद के डोमकल में माकपा कर्यकर्ता ताहिदुल इस्लाम (30) की देसी बम हमले में मौत हो गई। चुनाव आयोग ने इस घटना पर रिपोर्ट मांगी है।

डोमकल से चुनाव लड़ रहे माकपा के अनीसुर रहमान ने आरोप लगाते हुए कहा, “तृणमूल हार के डर से हिंसक गतिविधियों में संलिप्त हो रही है और इस्लाम की मौत इसी का नतीजा है। वह तृणमूल के गुंडों को मतदान केंद्र के अंदर जाने से रोक रहे थे, इसलिए उन्होंने उन्हें मार दिया।”

लेकिन, डोमकल से तृणमूल प्रत्याशी सौमिक हुसैन ने कहा कि इस्लाम की मौत माकपा और कांग्रेस के बीच के संघर्ष का नतीजा है।

डोमकल में मतदान के दौरान हुई हिंसा में कम से कम चार अन्य लोग घायल हुए हैं।

एक घायल ने दावा किया, “पिछली रात को कुछ लोगों ने मुझे वोट नहीं डालने की धमकी दी थी, लेकिन मैंने उनकी नहीं सुनी। जब मैं अपना वोट देकर वापस आ रहा था तभी मुझ पर हमला हुआ।”

डोमकल से चुनाव लड़ रहे पूर्व पुलिस अधिकारी नजरुल इस्लाम ने चुनाव आयोग पर जानबूझकर अक्षम रहने का आरोप लगाया है।

नजरुल इस्लाम ने अपनी खुद की मूलनिवासी पार्टी बनाई है। उन्होंने बताया, “चुनाव आयोग जानबूझकर अक्षम बना हुआ है। यह तृणमूल और भाजपा के गठजोड़ का नतीजा है।”

बर्दवान जिले के केतुग्राम से भी हिंसा की सूचना है जहां एक मतदान केंद्र के पास फेंके गए देसी बम से तीन घायल हो गए। वहीं, नादिया जिले के सगुना मतदान केंद्र से भी कई देसी बम बरामद किए गए।कोलकाता, 21 अप्रैल (आईएएनएस)| पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में गुरुवार को हुई हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई तथा कई अन्य घायल हो गए। वहीं, अधिकारियों ने 67 फीसदी से ज्यादा मतदान होने की जानकारी दी है। हालांकि शाम 6 बजे मतदान समाप्त होने के समय के बाद भी कई बूथों पर मतदाताओं की लंबी कतारें देखी गईं।

इस दौरान मुर्शिदाबाद जिले में देसी बम हमले में मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के एक कार्यकर्ता की मौत हो गई और कई घायल हो गए।

चुनाव आयोग को अब तक हिंसा और गड़बड़ियों की 1,500 शिकायतें मिली हैं। महानगर क्षेत्र में अभी तक 47 लोगों को गड़बड़ी फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

राज्य में मुर्शिदाबाद की 22, नादिया की 17, बर्दवान की 16 और उत्तरी कोलकाता की सात सीटों पर मतदान हो रहा है। बर्दवान में दूसरे और अंतिम चरण का मतदान चल रहा है।

निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने बताया, “6 बजे तक कुल 67.55 फीसदी से ज्यादा मतदान दर्ज किया गया है। मुर्शिदाबाद में 70.32 फीसदी, नादिया में 68.62 फीसदी, बर्दवान में 70.55 फीसदी और कोलकाता में 49.43 फीसदी मतदान दर्ज किया गया।”

मुर्शिदाबाद, नादिया और बर्दवान में कई जगहों पर हिंसा की घटनाएं देखी गई। मुर्शिदाबाद के डोमकल में माकपा कर्यकर्ता ताहिदुल इस्लाम (30) की देसी बम हमले में मौत हो गई। चुनाव आयोग ने इस घटना पर रिपोर्ट मांगी है।

डोमकल से चुनाव लड़ रहे माकपा के अनीसुर रहमान ने आरोप लगाते हुए कहा, “तृणमूल हार के डर से हिंसक गतिविधियों में संलिप्त हो रही है और इस्लाम की मौत इसी का नतीजा है। वह तृणमूल के गुंडों को मतदान केंद्र के अंदर जाने से रोक रहे थे, इसलिए उन्होंने उन्हें मार दिया।”

लेकिन, डोमकल से तृणमूल प्रत्याशी सौमिक हुसैन ने कहा कि इस्लाम की मौत माकपा और कांग्रेस के बीच के संघर्ष का नतीजा है।

डोमकल में मतदान के दौरान हुई हिंसा में कम से कम चार अन्य लोग घायल हुए हैं।

एक घायल ने दावा किया, “पिछली रात को कुछ लोगों ने मुझे वोट नहीं डालने की धमकी दी थी, लेकिन मैंने उनकी नहीं सुनी। जब मैं अपना वोट देकर वापस आ रहा था तभी मुझ पर हमला हुआ।”

डोमकल से चुनाव लड़ रहे पूर्व पुलिस अधिकारी नजरुल इस्लाम ने चुनाव आयोग पर जानबूझकर अक्षम रहने का आरोप लगाया है।

नजरुल इस्लाम ने अपनी खुद की मूलनिवासी पार्टी बनाई है। उन्होंने बताया, “चुनाव आयोग जानबूझकर अक्षम बना हुआ है। यह तृणमूल और भाजपा के गठजोड़ का नतीजा है।”

बर्दवान जिले के केतुग्राम से भी हिंसा की सूचना है जहां एक मतदान केंद्र के पास फेंके गए देसी बम से तीन घायल हो गए। वहीं, नादिया जिले के सगुना मतदान केंद्र से भी कई देसी बम बरामद किए गए।