Rafale Fighter Jet

पांच राफेल जेट लडाकू विमानों का पहला बेडा अंबाला वायुसेना स्टेशन पर उतरा

नई दिल्ली, 29 जुलाई। पहले पांच राफेल जेट लडाकू (Rafale fighter jet)  विमान अंबाला वायुसेना स्टेशन पर उतर गए ।  यह एक ऐतिहासिक क्षण था जब अंबाला वायुसेना केंद्र पर इन विमानों को वाटर कैनन सैल्‍यूट दिया गया।

भारतीय वायु क्षेत्र में प्रवेश करने पर इस बेडे के साथ दो सुखोई सुपरसोनिक विमानों ने भी उडान भरी।

ये पांच राफेल जेट लडाकू (Rafale fighter jet)  विमान 2016 में भारत द्वारा 59,000 करोड़ रुपये के अंतर-सरकारी सौदे में फ्रांस से खरीदे गए 36 विमानों का हिस्सा हैं।

भारतीय वायु क्षेत्र में प्रवेश करने के बाद, पश्चिमी अरब सागर में तैनात भारतीय नौसेना के युद्धपोत आईएनएस कोलकाता ने रेडियो संपर्क स्थापित करके भारतीय राफेल दल का स्वागत किया गया।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारत में राफेल जेट लडाकू (Rafale fighter jet)  विमानों का टच डाउन देश के सैन्य इतिहास में एक नए युग की शुरुआत है।

ट्वीट संदेश में  सिंह ने कहा कि ये अत्‍याधुनिक विमान भारतीय वायुसेना की क्षमता में क्रांतिकारी परिवर्तन लाएंगे।

उन्‍होंने इन विमानों को सुगमता से लाने के लिए भारतीय वायुसेना को बधाई दी।

उन्‍होंने विश्‍वास व्‍यक्‍त किया कि 17वी स्‍क्‍वाड्रान के गोल्‍डन एरोज अपने उद्देश्‍य-उद्यम अजस्रम पर खरे उतरेंगे।

उन्‍होंने कहा कि इन विमानों की खरीद प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के सही समय पर लिए गए फैसले के कारण संभव हो सकी है, क्‍योंकि भारत और फ्रांस के बीच काफी लंबे समय से इस खरीद का मामला लंबित था।

उन्‍होंने प्रधानमंत्री को इस निर्णयात्‍मक साहस के लिए धन्‍यवाद दिया। साथ ही उन्‍होंने फ्रांस की सरकार और संबंधित कंपनियों को भी कोविड महामारी के दौरान लगे विभिन्‍न प्रतिबंधों के बावजूद समय पर इन विमानों तथा संबंधित आयुध की आपूर्ति के लिए धन्‍यवाद दिया।

रक्षा मंत्री ने कहा, इस विमान की उड़ान बहुत अच्छी है और इसके हथियार, रडार और अन्य सेंसर और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर क्षमताएं दुनिया में सर्वश्रेष्ठ हैं।

उन्होंने कहा, भारत में इसका आगमन भारतीय वायु सेना को किसी भी खतरे को रोकने के लिए बहुत मजबूत बना देगा, जो हमारे देश पर लागू हो सकता है।

उन्होंने कहा, इस खरीद के खिलाफ आधारहीन आरोपों का पहले ही जवाब दिया जा चुका है।

तीन सिंगल-सीटर और दो ट्विन-सीटर विमानों वाले बेड़े को हरियाणा के अंबाला एयरबेस में भारतीय वायु सेना में शामिल किया जाएगा।

फ्रांसीसी विमानन फर्म डसॉल्ट द्वारा निर्मित फाइटर जेट ने सोमवार को दक्षिणी फ्रांस के बोर्डो में मेरिग्नैक एयरबेस से उड़ान भरी।

हिन्दुस्थान समाचार के अनुसार केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राफेल विमानों के भारत आने पर ट्वीट किया है।

शाह ने राफेल को वायुसेना में शामिल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार जताया।

उन्होंने कहा है, यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भारत को एक शक्तिशाली और सुरक्षित राष्ट्र बनाने के संकल्प को दिखाता है।

मोदी सरकार भारत की रक्षा क्षमताओं के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है। हमारी भारतीय वायुसेना को यह अभूतपूर्व ताकत प्रदान करने के लिए मैं माननीय प्रधानमंत्री को धन्यवाद देता हूं।’

एक अन्य ट्वीट में शाह ने लिखा है, ‘राफेल विमानों का भारत आना एक ऐतिहासिक दिन है और भारत के लिए यह गर्व का क्षण है। यह दुनिया के सबसे शक्तिशाली विमान हैं जो आकाश में किसी भी चुनौती को विफल करने में सक्षम हैं। मुझे यकीन है कि राफेल हमारे वायु योद्धाओं को हमारे आसमान को अपनी श्रेष्ठता से बचाने में मदद करेगा।’
उल्लेखनीय है कि भारतीय वायुसेना के इतिहास में बुधवार को उस समय एक सुनहरा अध्‍याय जुड़ गया, जब मारक क्षमता से युक्‍त राफेल जेट लडाकू (Rafale fighter jet)  की पहली खेप करीब 3:20 बजे अंबाला एयरबेस पहुंचा।
इन राफेल जेट लडाकू (Rafale fighter jet)  विमानों ने फ्रांस से भारत के लिए सोमवार को उड़ान भरी थी। अपनी खासियतों के चलते राफेल को दुनिया के सर्वश्रेष्‍ठ फाइटर जेट में शुमार किया जा जाता है और भारतीय वायुसेना के साथ जुड़ने से देश की मारक क्षमता में कई गुना इजाफा हो जाएगा।