पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते पर 175 देशों ने हस्ताक्षर किए

संयुक्त राष्ट्र, 23 अप्रैल । दुनिया के 175 देशों के प्रतिनिधियों ने एक साथ एक मंच पर शुक्रवार को जलवायु परिवर्तन से संबंधित पेरिस समझौते पर हस्ताक्षर किए। इसी के साथ अब ये सभी देश ग्लोबल वार्मिग के खिलाफ मिलकर लड़ाई लड़ेंगे। 

समाचार एजेंसी ‘एफे’ के मुताबिक, इस समझौते को प्रभावी बनाने के लिए 55 प्रतिशत वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार कम से कम 55 देशों को समझौते के क्रियान्वयन की प्रक्रिया हर हाल में पूरी करनी होगी।

कम से कम 15 देशों ने शुक्रवार को ही यह प्रक्रिया पूरी कर दी है। इनमें ज्यादातर छोटे द्वीपीय देश हैं।

विश्व में ग्रीन हाउस गैसों का सर्वाधिक उत्सर्जन करने वाले अमेरिका और चीन ने क्रियान्वयन प्रक्रिया को इस साल पूरा करने की शुक्रवार को प्रतिबद्ध जताई है।

इस समारोह में विश्व के नेताओं ने अपने भाषणों में ग्लोबल वार्मिग को तत्काल रोकने और पेरिस समझौते की बचनबद्धताओं से आगे निकल कर इसके लिए काम करने की जरूरत बताई।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून ने कहा, “रिकार्ड ग्लोबल वार्मिग। बर्फ का रिकार्ड स्तर पर पिघलना। वायुमंडल में कार्बन का रिकार्ड स्तर। हम समय के खिलाफ एक दौड़ में शामिल हैं।”

उन्होंने कहा, “आज (शुक्रवार) का दिन हमारे बच्चों और पोतों और आने वाली सभी पीढ़ियों का है। हमें एक साथ इस समझौते की आकांक्षाएं पूरी करनी हैं। इस हस्ताक्षर समारोह की प्रतिबद्धता को देखते हुए आज हमारे पास एक बेहतर दुनिया का निर्माण करने की शक्ति है।”

अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने अपनी दो वर्षीया पोती इसाबेल के साथ इस समझौते पर अमेरिका की मुहर लगाई। इसाबेल केरी की गोद में बैठी हुई थी। उन्होंने कहा कि उनका देश इस साल इस समझौते से औपचारिक रूप से जुड़ने को उत्सुक है।

इस समारोह में फ्रांस को सबसे पहले हस्ताक्षर करने का गौरव प्रदान किया गया। क्योंकि इसी ने पिछले साल दिसंबर 2015 में पेरिस में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन की मेजबानी की थी। इसी सम्मेलन में लगभग दो सप्ताह तक चले कठिन मोल-तोल के बाद इस समझौते ने आकार लिया था।

महासभा में 60 से अधिक नेताओं और सैकड़ों राष्ट्रीय प्रतिनिधियों ने इस बैठक के दौरान अभिनेता लियोनाडरे डिकैप्रियो का एक जोरदार भाषण सुना। डिकैप्रियो जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र के शांति दूत हैं।

शुक्रवार के बाद भी देशों को पेरिस समझौते पर हस्ताक्षर कि लिए एक वर्ष का समय है, और वे 21 अप्रैल, 2017 तक इस सपर हस्ताक्षर कर सकेंगे।