भारत के साथ अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान भी करेंगे सार्क का बहिष्कार

भारत के साथ अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान भी करेंगे सार्क का बहिष्कार

नई दिल्ली, 28 सितम्बर | पाकिस्तान में होने वाले दक्षेस शिखर सम्मेलन (सार्क) में भारत के हिस्सा लेने से इनकार किए जाने के बाद अफगानिस्तान, बांग्लादेश व भूटान ने भी कहा कि वे नवंबर में इस्लामाबाद में आयोजित होने वाले इस सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेंगे। उक्त देशों ने 19वें दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) के अध्यक्ष नेपाल को इस बारे में सूचित कर दिया है। इन देशों ने हालांकि दक्षेस में पूरा विश्वास जताया है, लेकिन विभिन्न कारणों से इस्लामाबाद में आयोजित होने वाले शिखर सम्मेलन में शिरकत करने से इनकार किया है।

भारत ने जम्मू एवं कश्मीर के उड़ी में सैन्य शिविर पर 18 सितंबर को हुए हमले के बाद यह कदम उठाया, जिसमें 18 जवान शहीद हो गए। भारत ने उड़ी हमले तथा दो जनवरी को पठानकोट में वायुसेना के अड्डे पर हुए हमले के लिए पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद पर आरोप लगाया है।

भारत ने क्षेत्र में आतंकवादी हमलों के लिए ‘एक देश’ को जिम्मेदार ठहराते हुए मंगलवार को कहा कि सीमा पार प्रायोजित आतंकवाद और दक्षेस के सदस्य देशों के आंतरिक मामलों में दखल के कारण इस्लामाबाद में 19वें दक्षेस शिखर सम्मेलन के सफलतापूर्वक आयोजन का माहौल नहीं रह गया है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि भारत ने दक्षेस के मौजूदा अध्यक्ष नेपाल को अवगत करा दिया है कि वह सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेगा, जिसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस्लामाबाद जाने वाले थे।

इस संबंध में एक बयान में कहा गया है, “भारत क्षेत्रीय सहयोग व संपर्क के लिए प्रतिबद्ध है, पर उसका मानना है कि यह आतंकवाद मुक्त माहौल में ही संभव है। मौजूदा परिस्थितियों में भारत सरकार इस्लामाबाद में प्रस्तावित सम्मेलन में हिस्सा लेने में असमर्थ है।”

भारत के इस कदम के बाद अफगानिस्तान, बांग्लादेश तथा भूटान ने भी इस्लामाबाद में होने वाले सम्मेलन में शिरकत करने से इनकार कर दिया है, जिसके बाद इसका आयोजन खटाई में पड़ गया है और पाकिस्तान क्षेत्र में अलग-थलग पड़ता नजर आ रहा है।

सूत्रों के अनुसार, अफगानिस्तान ने दक्षेस अध्यक्ष नेपाल को मंगलवार को भेजे अपने संदेश में कहा है, “अफगानिस्तान में थोपे गए आतंकवाद के कारण देश में हिंसा के बढ़ते स्तर को देखते हुए कमांडर-इन-चीफ की हैसियत से राष्ट्रपति मोहम्मद अशरफ गनी की जिम्मेदारियां बढ़ गई हैं, जिसकी वजह से वह सम्मेलन में हिस्सा नहीं ले पाएंगे।”

वहीं, बांग्लादेश ने भी नेपाल को भेजे अपने संदेश में कहा है, “बांग्लादेश के आंतरिक मामलों में एक देश के बढ़ते दखल के कारण ऐसा वातावरण पैदा हो गया है, जो इस्लामाबाद में नवंबर 2016 में होने वाले 19वें दक्षेस शिखर सम्मेलन की सफल मेजबानी के लिए अनुकूल नहीं हैं। बांग्लादेश क्षेत्रीय सहयोग तथा संपर्क के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन इसका मानना है कि यह सौहार्दपूर्ण वातावरण में ही संभव है। उक्त कारणों से बांग्लादेश इस्लामाबाद में प्रस्तावित शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने में असमर्थ है।”

सूत्रों के अनुसार, भूटान ने नेपाल को भेजे अपने संदेश में कहा है कि हालांकि वह दक्षेस की प्रगति व क्षेत्रीय सहयोग को लेकर प्रतिबद्ध है, लेकिन भूटान की राजशाही सरकार क्षेत्र में हाल में बढ़ते आतंकवाद को लेकर चिंतित है, जिससे इस्लामाबाद में नवंबर में दक्षेस शिखर सम्मेलन के सफलतापूर्वक आयोजन को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं।

इसमें कहा गया है, “सरकार आतंकवाद के कारण क्षेत्रीय शांति व स्थिरता को पैदा हुए खतरे को लेकर दक्षेस के कुछ सदस्य देशों की चिंताओं को समझती है और इन परिस्थितियों में शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने को लेकर अपनी असमर्थता जताती है।”

वहीं, श्रीलंका ने कहा है कि भारत की भागीदारी के बगैर दक्षेस शिखर सम्मेलन संभव नहीं होगा।

पाकिस्तान ने दक्षेस शिखर सम्मेलन के बहिष्कार को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया है।            –आईएएनएस

(फाइल फोटो)