मथुरा हिंसा में एसपी सहित 18 की मौत

लखनऊ/मथुरा, 3 जून| उत्तर प्रदेश में मथुरा जिले के जवाहर बाग से गुरुवार को अवैध कब्जा हटाने पहुंची पुलिस पर अंधाधुंध गोलीबारी और बमबारी में पुलिस अधीक्षक (शहर) मुकुल द्विवेदी सहित 18 लोगों की मौत हो गई। हमले में बुरी तरह घायल एसपी की गुरुवार देर रात अस्पताल में मौत हो गई। इस हिंसा में फरह थाना प्रभारी संतोष यादव की भी जान चली गई।

पुलिस की कार्रवाई में 16 कब्जाधारी भी मारे गए।

पुलिस ने गुरुवार शाम जवाहर बाग को खाली कराने के लिए अभियान शुरू किया। इस दौरान कब्जाधारियों की भीड़ में शामिल युवकों ने पेड़ों पर चढ़कर पुलिस पर बम फेंकने शुरू कर दिए और गोलियां चलाईं। एक गोली थाना प्रभारी संतोष के सीने में लगी। संतोष पर बम भी फेंके गए।

उन्हें तुरंत ही अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। वहीं, सिर में गोली लगने से एसपी (शहर) मुकुल द्विवेदी की भी गुरुवार देर रात अस्पताल में मौत हो गई।

पुलिस के मुताबिक, इनमें से आठ शव रात करीब डेढ़ बजे शुरू किए गए तलाशी अभियान के दौरान मिले। मृतकों में तीन महिलाएं भी हैं, जिनकी जलने से मौत हुई है।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, लगभग 300 एकड़ में फैले जवाहर बाग में कई और शव होने की आशंका है। तलाशी अभियान रात दो बजे तक जारी रहा। गोलीबारी और पथराव में लगभग 20 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। 30 कब्जाधारियों के भी घायल होने की सूचना है, जिनमें तीन की हालत गंभीर है।

सत्याग्रह के नाम पर जवाहर बाग पर ये लोग ढाई साल से कब्जा जमाए हुए हैं। पुलिस ने 200 से ज्यादा कब्जाधारियों को गिरफ्तार भी किया है।

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने घटना पर गहरा दुख जताते हुए मारे गए थाना प्रभारी संतोष के परिवार वालों को 20 लाख रुपये देने की घोषणा की है।

मुख्यमंत्री ने मथुरा में हुई घटना की जांच के लिए आगरा के मंडलायुक्त को जांच अधिकारी नामित किया गया है। उन्होंने कड़े शब्दों में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है।

पुलिस महानिदेशक जावीद अहमद ने कहा कि उपद्रवियों के पीछे शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) दलजीत चौधरी को मौके पर भेजा गया है।

गौरतलब है कि मार्च 2014 को खुद को सत्याग्रही बताने वाले लोगों ने मथुरा स्थित जवाहर बाग में डेरा डाला था। लगभग 1,000 लोग पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और मध्य प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से यहां पहुंचे थे।