Priyadarshan

मोहनलाल ने मुझे अवसाद से बाहर निकाला : प्रियदर्शन

मुंबई, 7 फरवरी | निर्देशक प्रियदर्शन व्यक्तिगत जीवन में तनाव के चलते अवसाद के दौर से गुजरकर बाहर निकले हैं। पीड़ादायक तलाक ने उन्हें इतना तोड़ दिया था कि वह फिल्में बनाने में खुद को असमर्थ पा रहे थे। लेकिन पिछले साल उन्होंने ‘ओप्पम’ बनाकर सबको चौंका दिया।

प्रियदर्शन इसका श्रेय अभिनेता मोहनलाल को देते हैं।

फाइल फोटो : निर्देशक प्रियदर्शन                       –आईएएनएस

प्रियदर्शन ने राहत की सांस लेते हुए कहा, “मेरे लिए यह एक त्रासदीपूर्ण समय रहा है। मैं बता नहीं सकता कि मैं किस दौर से गुजरा हूं। मैंने तीन सालों तक फिल्म निर्माण बंद कर दिया था। मैं ठीक से सोच समझ भी नहीं पा रहा था और मेरी फिल्म निर्माण की योग्यता खो गई थी।”

उन्होंने कहा, “मैंने और मोहनलाल ने करीब 40 फिल्में साथ में की हैं। उनमें से कई हास्य फिल्में भी हैं। मैं उनके साथ एक और हास्य फिल्म आसानी से बना सकता था, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि हमें कुछ ऐसा करना चाहिए जो हमने पहले कभी न किया हो।”

प्रियदर्शन ने पिछले साल चेन्नई अदालत में कानूनी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करके आधिकारिक रूप से अपनी शादी खत्म कर दी।

उन्होंने कहा, “मैंने कई प्रकार की फिल्में बनाई हैं। लेकिन अब तब बनाई 91 फिल्मों में से कोई भी थ्रिलर नहीं थी। इसलिए हमने ‘ओप्पम’ बनाने का फैसला किया।”

प्रियदर्शन ने कहा, “मेरे लिए एक धमाकेदार वापसी करना बेहद जरूरी था। मोहनलाल मेरे लिए चिंतित थे। खुशकिस्मती से फिल्म सफल रही और मैं वापस काम पर लग गया। हालांकि फिल्में बनाना मेरे लिए कोई काम नहीं है।”

उन्होंने कहा, “मेरे लिए सबसे ज्यादा खुशी का लम्हा वह था, जब कमल हासन ने मुझे बुलाकर कहा कि उन्हें यकीन नहीं हो रहा कि मेरे साथ निजी जीवन में जो कुछ भी हुआ, उसके बाद मैंने यह फिल्म बनाई है।”

प्रियदर्शन ने मोहनलाल की बेहद सराहना करते हुए कहा, “मोहनलाल कोई भी किरदार निभा सकते हैं और यह किरदार निभाना नहीं है, बल्कि किरदार में ढल जाना है। ओप्पम में वह एक नेत्रहीन की भूमिका में हैं और आप देखेंगे कि वह इस किरदार में कितने स्वाभाविक नजर आ रहे हैं।”

प्रियदर्शन की तमिल फिल्म ‘सिला समयंगलिल’ पिछले साल गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड्स के 74वें संस्करण के अंतिम दौर के लिए चुनी गई थी।

उन्होंने इस पर कहा, “हमने उसे पुरस्कार के लिए चुने जाने के लिए नहीं बनाया था। लेकिन यह देखकर अच्छा लगा कि इतने लंबे अंतराल के बाद भी हम कुछ सार्थक बना पाए।”        –आईएएनएस