रमन सिंह ने सूखा राहत कार्यों की समीक्षा की

रायपुर, 5 जनवरी। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज यहां कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में प्रदेश के किसानों और ग्रामीणों के लिए सूखा राहत कार्यों की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि इस बार किसानों को सूखे के कारण जो तकलीफ हुई है, उसे देखते हुए उन्हें राहत पहुंचाने के लिए हम सबको मिलकर बहुत मेहनत करने की जरूरत है। सूखा प्रभावितों को राहत पहुुंचाने के लिए राज्य सरकार ने कई अच्छे निर्णय लिए हैं, जिनका क्रियान्वयन हमें बेहतर ढंग से करना है।

मुख्यमंत्री ने एक अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका ’टाईम मैग्जीन’ में मौसम वैज्ञानिकों के हवाले से छपी रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए कहा कि ’अलनीनो’ का असर अगले दो साल तक और रहने की आशंका है, इसलिए भी हमें लगातार सतर्क रहने की जरूरत होगी।

डॉ. रमन सिंह ने बैठक में प्रदेश के सभी 117 सूखा घोषित तहसीलों में राज्य शासन के निर्देशों के क्रियान्वयन के लिए उठाए जा रहे कदमों की भी समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने जिला कलेक्टरों से कहा कि सूखा प्रभावित क्षेत्रों में राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के तहत किसानों को मुआवजा वितरण सभी जिलों में इस महीने की 31 तारीख तक अनिवार्य रूप से कर दिया जाए।

उन्होंने समस्त प्रभारी सचिवों को जिलों का दौरा करने और वहां विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में जाने के निर्देश दिए और कहा कि प्रभारी सचिव वहां जाकर ग्रामीणों के लिए पेयजल आदि की समुचित अग्रिम व्यवस्था भी सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अपर मुख्य सचिव को भी सूखा प्रभावित जिलों में जाने और आगामी गर्मी के मौसम में संभावित पेयजल समस्या से निपटने के लिए ठोस कार्य योजना बनाने के लिए कहा।

डॉ. सिंह ने सूखा प्रभावित तहसीलों में आने वाले गर्मी के मौसम को ध्यान में रखकर पेयजल की समुचित व्यवस्था के लिए अग्रिम तैयारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में लोगों को पीने के पानी के साथ-साथ निस्तारी के लिए भी पर्याप्त पानी मिले इसका ध्यान रखा जाए।

डॉ. रमन सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने सूखा प्रभावित तहसीलों में ग्रामीणों को मनरेगा के तहत 150 दिन के स्थान 200 दिनों का रोजगार दिलाने का निर्णय लिया है। उन्होंने गरियाबंद जिले में राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के तहत सूखा प्रभावित किसानों को मुआवजा वितरण में हो रहे विलम्ब पर नाराजगी जतायी और वहां के कलेक्टर को त्वरित कदम उठाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने गरियाबंद जिले में ही मनरेगा के तहत 200 से ग्राम पंचायतों में रोजगारमूलक कार्य अभी तक शुरू नहीं होने पर भी अप्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सूखे से अत्यधिक प्रभावित राजनांदगांव, कोरिया और बालोद जिलों के सूखा राहत कार्यों की मैं स्वयं समीक्षा करूंगा।