रिसर्जेंट राजस्थान में हुए एमओयू की होगी त्रिस्तरीय समीक्षा

जयपुर,5 जनवरी। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे की अध्यक्षता में मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में सम्पन्न मंत्रिमण्डल की बैठक में    रिसर्जेंट राजस्थान के दौरान किए गए एमओयू को धरातल पर लाने के लिए उनकी विस्तृत समीक्षा करने के साथ ही निर्धारित अवधि के पश्चात प्राप्त प्रस्तावों पर फरवरी माह में एमओयू किए जाने का निर्णय लिया गया। बैठक में कुछ औद्योगिक ईकाइयों को निवेश करने एवं रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए विभिन्न प्रोत्साहन दिए जाने, राजस्थान स्वेच्छया ग्रामीण शिक्षा सेवा नियम के तहत समायोजित वार्डन्स को कनिष्ठ लिपिक पद पर समायोजित करने, हरिदेव जोशी पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, जयपुर को बंद कर राजस्थान विश्वविद्यालय में समायोजित करने सहित कई महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
मंत्रिमण्डल की बैठक में लिए गए निर्णयों की मीडिया को जानकारी देते हुए संसदीय कार्य मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने बताया कि राज्य सरकार रिसर्जेंट राजस्थान में हुए एमओयू को धरातल पर लाने के लिए गंभीर है। इसके लिए इन 295 एमओयू को विभागवार विभाजित कर आवश्यक कदम उठाने के लिए सम्बन्धित विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं प्रमुख शासन सचिव को अधिकृत किया गया है। इस संदर्भ में मुख्य सचिव के स्तर पर फरवरी में एवं मुख्यमंत्री के स्तर पर मार्च में समीक्षा बैठक होगी। इसके अलावा रिसर्जेंट राजस्थान के लिए तय की गई कट-आफ-डेट के बाद प्राप्त निवेश प्रस्तावों के एमओयू फरवरी माह से शुरू किए जाने का निर्णय लिया गया है।
अनुदानित शिक्षण संस्थाओं के वार्डन का कनिष्ठ लिपिक में समायोजन
राठौड़ ने बताया कि बैठक में अनुदानित शिक्षण संस्थाओं में कार्यरत वार्डन्स को पूर्व में चतुर्थ श्रेणी के पद पर समायोजित करने का प्रावधान था, लेकिन उनकी शैक्षणिक योग्यता को ध्यान में रखते हुए अब उन्हें कनिष्ठ लिपिक पद पर नियुक्ति देने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया है।
राजस्थान विवि में खुलेगा हरिदेव जोशी पत्रकारिता संस्थान
संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि मंत्रिमण्डल की बैठक में हरिदेव जोशी पत्रकारिता एवं जनसंचार विवि, जयपुर के स्थान पर राजस्थान विवि में पूर्व मुख्यमंत्री हरिदेव जोशी के नाम पर ही पत्रकारिता हरिदेव जोशी इंस्टीट्यूट आफ मास कम्यूनिकेशन खोलने का निर्णय लिया गया है। इसमें विवि में वर्तमान में अध्ययनरत विद्यार्थियों एवं कार्यरत फैकल्टी को समायोजित किया जाएगा। इसके लिए आवश्यकतानुसार अध्यादेश लाया जाएगा।
जनजातीय विवि का मुख्यालय अब बांसवाड़ा
राठौड़ ने बताया कि बैठक में राजीव गांधी जनजातीय विवि का मुख्यालय उदयपुर से बदलकर बांसवाड़ा किए जाने का निर्णय लिया गया। साथ ही इस विश्वविद्यालय का नामकरण गोविन्द गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय, बांसवाड़ा किए जाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। उन्होंने बताया कि वर्ष 2016-17 से बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ तथा डूंगरपुर जिले के उच्च शिक्षा के समस्त निजी एवं राजकीय महाविद्यालय, जो वर्तमान में मोहन लाल सुखाड़िया से सम्बद्ध है उन्हें जनजातीय विश्वविद्यालय से सम्बद्ध किए जाने का निर्णय भी लिया गया। संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि इसके साथ ही उदयपुर में निजी क्षेत्र में साईं तिरूपति विवि की स्थापना के लिए विधेयक-2015 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। मंत्रिमण्डल ने राजकीय कन्या महाविद्यालय, बयाना (भरतपुर) का नाम परिवर्तित कर देवनारायण राजकीय कन्या महाविद्यालय, बयाना करने का भी निर्णय लिया।
धरातल पर आ रहा निवेश
राठौड़ ने बताया कि बैठक में श्रीसीमेन्ट लि. द्वारा रास (पाली) में दो नई इकाई स्थापित करने के लिए निवेश प्रोत्साहन स्कीम के अनुसार विभिन्न छूट देने का निर्णय लिया गया। यह कंपनी 746 करोड़ रुपये का निवेश कर करीब 300 लोगों को रोजगार प्रदान करेगी। इसी प्रकार जेके सीमेन्ट की मांगरोल, चित्तौड़गढ़ इकाई के विस्तार के लिए भी विभिन्न छूट प्रदान की गई हैं। यह कंपनी 1315 करोड़ का निवेश कर 200 लोगों को प्रदान करेगी। इसके अलावा सुदिवा स्पिनर्स लि. द्वारा 115 करोड़ रुपए के निवेश से भीलवाड़ा प्लांट का विस्तार कर 535 लोगों को रोजगार दिया जाएगा। इसे भी विभिन्न रियायतें प्रदान किए जाने का निर्णय लिया गया है।
भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना से 9 हजार से ज्यादा लाभान्वित
संसदीय कार्य मंत्री श्री राजेन्द्र राठौड़ ने बताया कि आरोग्य राजस्थान अभियान के तहत प्रदेश में अब तक 1510 शिविर आयोजित किए गए, जिनमें 4 लाख 90 हजार 528 लोगों ने स्वास्थ्य जांच करवाई। इनमें से 39 हजार 118 लोगों को रैफरल एवं जिला अस्पतालों में रैफर किया गया, जिनमें से 4802 लोगों को भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत निजी चिकित्सालय में उपचार की सुविधा प्राप्त हुई। अब तक कुल 9329 लोगों को भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ प्राप्त हुआ है। उन्होंने बताया कि इसकी प्रगति की प्रभारी मंत्री स्तर पर समीक्षा की जाएगी।
मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान में तीन हजार गांवों की डीपीआर तैयार
राठौड़ ने बताया कि ‘मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान‘ के तहत तीन हजार गांवों की डीपीआर तैयार करने के साथ ही प्रथम चरण की गतिविधियों की समीक्षा कर आवश्यक बजट स्वीकृत कर दिया गया है।-एजेंसी